8 March 2024

WISDOM -----

   यह  संसार  हो  या  देवलोक  ,  जिनके  पास  भी  सत्ता , धन -वैभव , सौन्दर्य  , यौवन  ----जो  भी  है  , उसे  उसके  खोने  का  भय सताता  है  l  यह  सुख  जितना  अधिक  है ,  इस  सुख  को  खोने  का  भय   उतना  ही  अधिक  है  l  सबसे  ज्यादा  भयभीत  तो  स्वर्ग  के  राजा  इंद्र  हैं   l  किसी  को  भी  कठिन  तप  करते   और  आगे  बढ़ते  देख   वे  काँप  जाते  हैं  , उनको  अपने  इन्द्रासन  पर  खतरा  मंडराता  दीखता  है   और  फिर  वे  उसको   पीछे  धकेलने  के  लिए  सब  तरीके  इस्तेमाल  करने  लगते  हैं  l  विश्वामित्र  की  तपस्या  भंग  करने  के  लिए  स्वर्ग  की  सबसे  सुन्दर  अप्सरा  मेनका  को  भेज  दिया  l   एक  कथा  है -----  एक  महात्मा   की  तपस्या  का  यह  प्रभाव  था  कि  उनके  आश्रम  में   शेर  और  गाय  एक  घाट  पर  पानी  पीते  थे  l  उनके  तप  से  भयभीत  इन्द्रासन  काँप  गया  l  देवराज  इंद्र  तरह -तरह  के  उपाय  सोचने  लगे  कि  कैसे  इन  महात्मा  की  तपस्या  को  भंग  किया  जाये  l   अंत  में  वे  एक  क्षत्रिय  का  वेश  धारण  कर  उन  महात्मा  के  आश्रम  में  गए   और  उन  महात्मा  से  कहा --- " भगवान  !  आप  कुछ  देर  मेरी  तलवार  अपने  पास     रख  लीजिए  , मैं  समीप  के  सरोवर  में  स्नान  कर  के  आता  हूँ  l "  महात्मा  सरल  स्वभाव  के  थे  , तलवार  को  अपने  पास  सम्हाल  कर  रख  लिया  ,  लेकिन  इंद्र  वापस  आए  ही  नहीं  l  किसी  की  अमानत  को  सुरक्षित  वापस  करना  भी  धर्म  है  , अत:  अब   वह  महात्मा  उस  तलवार   की  रक्षा  में   अपना  जप , तप  साधना  सब   भूल  गए  l   दिनचर्या  का  और  तप  का  क्रम  बिगड़ा  तो  उसका  प्रभाव  भी  कम  हो  गया  ,  यह  देखकर  इंद्र  का  भय  भी  कम  हो  गया