वेदमाता गायत्री को आद्दशक्ति माना जाता है | सद्बुद्धि की अधिष्ठात्री इस महाशक्ति की उपासना को सार्वभौम, सर्वजनीन कहा गया है---सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा हर किसी को मिले, हर व्यक्ति श्रेष्ठता का वरण करे | संपूर्ण मानव जाति बिना किसी भेदभाव के गायत्री उपासना कर सकती है |
गायत्री मंजरी में महादेव शिव और माता पार्वती के वार्तालाप संबंधी बड़ा प्रेरणादायी प्रसंग है ----- एक बार कैलाश पर्वत पर विराजमान भगवान शिव से पार्वती ने पूछा--" हे योगेश्वर ! आपने किस साधना से इतनी सिद्धियाँ प्राप्त की हैं | सभी आपकी सर्वज्ञता को तथा महेश्वर कहकर आपकी प्रभुता को स्वीकार करते हैं | इन विशिष्टताओं की उपलब्धि किस योग साधना द्वारा हुई है, कृपया बताएँ ?
उत्तर में महादेवजी कहते हैं---"गायत्री वेदमाता हैं | वही आद्दशक्ति कही जाती हैं | विश्व की वही जननी हैं | मैं उन्ही गायत्री की उपासना करता हूँ | समस्त यौगिक साधनाओं का आधार गायत्री को ही माना गया है | हर प्रकार की सफलता गायत्री साधना से हस्तगत की जा सकती है | इस गुप्त रहस्य को जो जानेंगे और गायत्री साधना में प्रवृत होंगे, वे परम सिद्धि को प्राप्त करेंगे |
गायत्री मंजरी में महादेव शिव और माता पार्वती के वार्तालाप संबंधी बड़ा प्रेरणादायी प्रसंग है ----- एक बार कैलाश पर्वत पर विराजमान भगवान शिव से पार्वती ने पूछा--" हे योगेश्वर ! आपने किस साधना से इतनी सिद्धियाँ प्राप्त की हैं | सभी आपकी सर्वज्ञता को तथा महेश्वर कहकर आपकी प्रभुता को स्वीकार करते हैं | इन विशिष्टताओं की उपलब्धि किस योग साधना द्वारा हुई है, कृपया बताएँ ?
उत्तर में महादेवजी कहते हैं---"गायत्री वेदमाता हैं | वही आद्दशक्ति कही जाती हैं | विश्व की वही जननी हैं | मैं उन्ही गायत्री की उपासना करता हूँ | समस्त यौगिक साधनाओं का आधार गायत्री को ही माना गया है | हर प्रकार की सफलता गायत्री साधना से हस्तगत की जा सकती है | इस गुप्त रहस्य को जो जानेंगे और गायत्री साधना में प्रवृत होंगे, वे परम सिद्धि को प्राप्त करेंगे |