16 May 2018

WISDOM ---- राजनीति में धन को स्थान मिल जाने से प्रजातंत्र का महत्व नहीं रहा

 धन  के  कारण  प्रजातंत्र  के सिद्धांतों  की  दुर्दशा  होती  है  ,  चुनाव  सम्बन्धी  नैतिक  सिद्धांतों  की  रक्षा  का  तो  प्रश्न  ही  नहीं  उठता  l 
  राजनीतिक  जीवन  में  सत्य  का  व्यवहार   महात्मा  गाँधी  में   पाया  जाता  था   और  इसी  के  कारण   वे  25  वर्षों  तक  इस  हलचल पूर्ण  क्षेत्र  में  टिके  रहे  और  अपने  नाम  को  अमर  कर  गए   l   राजनीति  में  धूर्तता , बहानेबाजी , असत्य  वादा  करना , रंग  बदल  लेना   आदि  चलता  है  लेकिन  ये  कार्य  निम्न  स्तर  के  और  तत्काल  लाभ  उठा  लेने  वाले  लोगों  के  ही  माने  जा  सकते  हैं   l  ऐसे  व्यक्ति  स्वार्थ  साधन  अवश्य  कर  लेते  हैं   पर  कोई  बड़ा  और  स्थायी  काम  उनके  बूते  का  नहीं  l
  लिंकन   राजनीति   में  भी  अपनी  आत्मा  के  आदेश  का  ध्यान  रखकर  सच्चाई  के  सिद्धांत  का  पालन  करते  थे   l   इस  कारण    इतने  वर्ष  बीत  जाने  पर  भी   उनका  सबसे  अधिक  सम्मान  है  l   इन  दोनों  महामानवों  में  यह  सत्य   और  आत्मशक्ति  का  ही  प्रभाव  था   जिसने  उन्हें  अमर  कर  दिया  l