26 August 2021

WISDOM -----

   एक  गाड़ीवान  हनुमान जी  का  बड़ा  भक्त  था   l   नित्य  उनके  मंदिर  में  दर्शन  को  जाता  था   और  वहां  बैठकर  हनुमान चालीसा  का  पाठ   करता  था  , ताकि  हनुमान जी  अपने  कानों  से  सुन  लें  l   एक  दिन  गाड़ीवान  अपनी  गाड़ी   लेकर   कहीं  दूर  गाँव   जा  रहा  था   l  वर्षा  के  दिन  थे  l   सड़क  जगह - जगह  से  टूटी  हुई  थी  , गड्ढ़ों   में  पानी  भरा  था  l  रास्ते  में  एक  जगह  भारी  कीचड़   भरा  हुआ  था  ,  पहिये  उसमें  फँस   गए   l   बैल  उसे  खींच   नहीं  पा  रहे  थे   l   वह  स्वयं  कीचड़  में  उतारकर  गाड़ी  खींचना  नहीं  चाहता  था  l   फिर  गाड़ी  बाहर  कैसे  निकले  l   गाड़ीवान  उसी  में  बैठकर  जोर - जोर  से  हनुमान चालीसा  पढ़ने  लगा   l   उसका  अभिप्राय  था  कि   हनुमान जी  आएं  और  उसकी  गाड़ी   बाहर   निकालें   l  पाठ  करते - करते  बहुत  देर  हो  गई  , पर  हनुमान जी   नहीं    आए  l  वह  झल्लाने  लगा  और  बुरा  बोलने  लगा   l   एक  किसान  पास  के  खेत  में   हल  जोत   रहा  था   l   उसने  यह  तमाशा  देखा   और  बोला   ---- "   मूर्ख  !  हनुमान जी  तो  अनदेखे  पर्वत  को  उखाड़  लाए   थे  l   तू  उनका  भक्त  बनता  है  तो   कीचड़  में  उतारकर   पहिये  को  जोर  क्यों  नहीं  लगाता   , ताकि  धकेले  जाने  पर   वे  आगे  बढ़ें  l   हनुमान जी  ने  तो  समुद्र  पार  कर  लिया  , तुझसे  कीचड़  में  नहीं  उतरा  जाता   l  "  अंध भक्त   को  चेत  हुआ   l   उसने  अपनी  गलती  समझी    और  कीचड़  में  उतरा   l   पहिये  को  जोर  लगाया  ,  गाड़ी  आगे  चली   और  कीचड़  के  पार  हो  गई  l   जो  काम  अपने  पुरुषार्थ  से  हो  सकता  है  ,  उसके  लिए  आलसी  बनकर  देवता  को  क्यों  पुकारा  जाये   ?