'दीपक की अपनी महिमा है , सो वह हर स्थिति में रहेगी । कोई उसके प्रकाश में पूजा करे , भोजन बनाये , चोरी अथवा हत्या करे । यह कर्ता की इच्छा के ऊपर है । ईश्वर प्रकाश है उससे शक्ति और बुद्धि मिलती है । इसका उपयोग भले या बुरे कामों में करना मनुष्य के अपने हाथ में है ।
कर्म के फल से वह बच नहीं सकता ।
कर्म के फल से वह बच नहीं सकता ।