26 September 2018

WISDOM ---- श्रीमद् भगवद्गीता में भगवान कहते हैं --- ' मैं दमन करने वालों का दंड हूँ ' या दमन करने की शक्ति हूँ l

 ' यदि  अन्याय , अनीति , अत्याचार , अनाचार , दुराचार , शोषण , भ्रष्टाचार  का  दमन  किया  जाता  है   तो  दमन  ईश्वरीय  विभूति  के  रूप  में  अलंकृत  होता  है  l  जो  इसे  करने  का  साहस  दिखाते  हैं  , दंड  उसके  हाथों  में   ईश्वरीय  शक्ति  के  रूप  में  शोभित  होता  है  l  '
  मनुष्य  का   अनियंत्रित  और  असंतुलित  आचरण  व्यापक  विनाश  का  कारण  बनता  है  l  अत:  स्रष्टि  का  संतुलन  बनाये  रखने  के  लिए    भगवान  ने  दंड  विधान  की   व्यवस्था  प्रदान   की  है   l   उचित  दंड  न  हो  तो   अनीति  एवं  अनाचरण   अपने  चरम  पर  पहुँच  जायेंगे   l  इसलिए  दंड  को  ईश्वरीय  विभूति  कहा  गया  है   l