22 October 2018

WISDOM ---- क्रोध की स्थिति में व्यक्ति स्वयं अपना नुकसान करता है

 क्रोध  हर  व्यक्ति  की  शारीरिक  व  मानसिक  सेहत  के  लिए   बहुत  नुकसानदायक  है  l   जैसे  दूध  उबलने  पर   उसकी मलाई  बर्तन  से  बाहर  गिर  जाती  है  ,  ठीक  इसी  तरह  क्रोध  की  अवस्था  में  हम  अपनी  ऊर्जा  को    अन्य   परिस्थितियों  की  तुलना  में  अधिक  गंवाते  हैं   l 
  भगवान  बुद्ध अपने  शिष्यों  को  क्रोध  न  कर  के  शांत  रहने  का पाठ  पढ़ाते थे   l   एक  बार  गौतम  बुद्ध  अपने  शिष्यों  के  साथ  एकदम  शांत  बैठे  थे  l  शिष्य  चिंतित  थे   कि  इस  तरह  मौन  रहने  की  क्या  वजह  है  ?  थोड़ी  देर बाद  कुछ  दूर  पर  खड़ा  एक  व्यक्ति  जोर  से  चिल्लाया  --- " आज  मुझे  सभा  में  बैठने  की  अनुमति  क्यों  नहीं  दी  गई  ? "    इससे  अप्रभावित  भगवान  बुद्ध  मौन  बैठे रहे  l  वह  व्यक्ति  पुन:  जोर  से  चिल्लाया  l  एक  शिष्य  ने  उसका  पक्ष  लेते  हुए  कहा  कि  उसे  सभा  में  आने  की  अनुमति  प्रदान  की  जाये  l  बुद्ध  ने  आँखें  खोली  और  बोले ---- " नहीं ,  वह  अस्पृश्य  है  ,  उसे  आज्ञा  नहीं  दी  जा  सकती  l  "  शिष्यों  को  बड़ा  आश्चर्य  हुआ  ,  वे  बोले --- " पर  हमारे  धर्म  में  जात -पांत  का  कोई  भेद  नहीं  फिर  वह  अस्पृश्य  कैसे  हो  गया  ? "
  बुद्ध  ने  स्पष्ट  किया ---- " आज  वह  क्रोधित  होकर  आया  है  l  क्रोधी  व्यक्ति  मानसिक  हिंसा  करता  है ,  इसलिए  वह  अस्पृश्य  होता  है  l  उसे कुछ  समय  एकांत  में  ही  खड़ा  रहना  चाहिए  l  पश्चाताप  की  अग्नि  में   तपकर  वह  समझ लेगा   कि  अहिंसा  ही  महान  कर्तव्य और  धर्म  है  l "
  शिष्यों  ने  एक  नया  पाठ  सीखा  और  उस  व्यक्ति  ने  क्रोध  न  करने  की  शपथ  ली  l