31 July 2019

WISDOM ------ विपरीत परिस्थितियों में धैर्य और विवेक से काम लें

कहते  हैं  जो  कुछ  महाभारत  में  है  वही  इस  धरती  पर  है  ,  इसका  एक  प्रसंग  है ---- पांडव जुए  में  सब  कुछ  हारकर   वनवास  की अवधि   पूरी  कर  एक  वर्ष  के  अज्ञातवास  में  राजा  विराट  के  यहाँ  वेश  बदल  कर  रह  रहे  थे  l  महारानी  द्रोपदी  ' सैरंध्री  '  नाम  से  रानी  की  सेवा  करती  थीं  l  रानी  का  भाई  था  ' कीचक '  बहुत  बलशाली  था  ,  राज्य  में  उसका  दबदबा  था  और  राजा  विराट  भी  उसके  दबाव  में  थे  l    सैरंध्री ( द्रोपदी )  पर  उसकी  कुद्रष्टि थी  l  रानी  ने  उसे  बहुत  समझाया  लेकिन  वह  तो  कामांध  था  l  उसका  व्यवहार  द्रोपदी  के  लिए  असहनीय  था  l  एक  दिन  अवसर  पाकर  द्रोपदी  ने  भीम  से  अपनी  व्यथा  कही  l  भीम  को  भी  बहुत  क्रोध  आया  लेकिन  उन्होंने  द्रोपदी  को  समझाया कि  वह  बहुत  शक्तिशाली  है  ,  तुम  उसका  सामना  नहीं  कर  सकतीं ,  उसे  तो  विवेक  और  बुद्धि  से  ही  पराजित  किया  जा  सकता  है  l  भीम  ने  धीरे  से  द्रोपदी को  अपनी  योजना  समझा  दी  l
   दूसरे  दिन  जब  सैरंध्री  का  सामना  कीचक  से  हुआ    तो   उसने  कहा -- नृत्य -शाला  में  रात्रि  को  एकांत   रहता  है  ,  मैं  वहीँ  तुम्हारा  इंतजार  करुँगी ,  लेकिन  शर्त  है  वहां  घोर  अँधेरा  होना  चाहिए  l 
कीचक  खुशी  से  फूला  नहीं  समां  रहा  था  l  रात्रि  के  अंधकार  में  किसी  तरह नृत्य - शाला  पहुंचा   तो  वहां  द्रोपदी  नहीं ,  भीम  उसका  इंतजार  कर  रहे  थे  , उन्होंने  कीचक  को  युद्ध  के  लिए  ललकारा  ,  दोनों  में  भयंकर  मल्ल युद्ध  हुआ  l  वह  कामांध  कीचक   भीम   जैसे  वीर  का  जो  कष्ट  कठिनाइयों  में  तपकर  तेजस्वी  हो  गए  थे  सामना  नहीं  कर  सका  l  और  भीम  ने  कीचक  का  वध कर  दिया  l  ----
  हमारे महाकाव्य  हमें  जीवन  जीना  सिखाते  हैं   l  रामायण , महाभारत  और  गीता  का  अध्ययन - मनन  यदि  संसार  में  लोग  करें  तो  संसार  की  आधी  से  अधिक  समस्याएं   वैसे  ही  समाप्त  हो  जाएँ  l