15 August 2021

WISDOM -----

    गुलामी  भी  कई  प्रकार  की  होती  है   और  गुलामी  से  मुक्ति  तभी  संभव  है  जब  हम  जागरूक  हों  ,  हमारा  विवेक  जाग्रत  हो   l   कम - से -कम    हमें  यह  एहसास  तो  हो  कि   हम  गुलाम  हैं   l   हम  युगों  तक  गुलाम  रहे   l  राजनैतिक  गुलामी  तो  स्पष्ट  है   l   जमीदारों , सामंतों  के  अत्याचार ,  सामाजिक  कुप्रथाएं ,   जाति   और  धर्म  के  नाम  पर  अत्याचार   ,  ये  सब  यंत्रणाएँ  किसी  गुलामी  से  कम  नहीं  थीं  l   जैसे - जैसे  हम  जागरूक  हो  रहे  हैं    वैसे - वैसे   हमें  ऐसी  गुलामी  से  मुक्ति   मिल  रही  है   l   अभी  तक  ये  जो   विभिन्न  प्रकार  की  गुलामी  थी  इसमें  स्पष्ट  था   कि   अत्याचार  करने  वाला  और  उसे  सहन  करने  वाला  कौन  है  l   इस  कारण  अत्याचार  करने  वालों    को    इतिहास  में     सम्मान  नहीं  मिला  l    इन  सबसे  बढ़कर  मनुष्य  अपने  मानसिक  विकारों  --- काम , क्रोध , लोभ , मोह  का  , स्वार्थ , अहंकार , महत्वकांकक्षा   जैसी  दुष्प्रवृतियों  का  गुलाम  है  l   अपने  से  कमजोर  को   सताना ,   शोषण  और  अत्याचार  करना  -- यह  भी  एक  नशा  है  इससे  शक्तिशाली   का  अहंकार  तृप्त  होता  है  l   सभ्यता  के  विकास  के  साथ - साथ   विभिन्न  कार्यों  के  तरीके  रिफाइंड  होते  है  l  एक  लघु  कथा  है  ----- एक  राजा  था  , अपार  धन - सम्पदा  थी  उसके  पास   l  उसके  मंत्रियों  ने  सलाह  दी  , इतनी  शक्ति  है  दूसरे  राज्यों  पर  अधिकार  कर लो ,  l   राजा  समझदार  था  ,  उसने  कहा   , बेजान  भूमि  को  जीतने   से  क्या  होगा  ,  हम  वहां  के  लोगों   के  सामाजिक  और  उनके   व्यक्तिगत  जीवन   पर   , यहाँ  तक  कि   उनके  मन  पर  अपना   नियंत्रण  चाहते  हैं   l  वे  हमारे  हर  आदेश  का  पालन  करें  ,  उनका  उठना , बैठना , चलना - फिरना   सब  कुछ  हमारी    इच्छानुसार  हो  ,  उनमे  विद्रोह  की , सही -गलत  समझने  की  शक्ति  भी  न  रहे  ,  यह  देखकर  ही  हमें  सुकून  मिलेगा   l  इस  कार्य  के  लिए  दूर - दूर  से  विशेषज्ञ  बुलाए   गए  l   अनेक  तरीकों  से  समाज  के  प्रबुद्ध  और  संपन्न  लोगों  पर  अपना  नियंत्रण  किया  ,  विशाल  जनसँख्या  को  अपनी   इच्छानुसार  चलाना   कठिन  समस्या  है  , इसके  लिए    यह  प्रयास  किया  कि   अपनी  बात  का  इतना  प्रचार -प्रसार  करो  कि   लोगों  का  ब्रेनवाश  हो  जाये  ,  उनकी  चेतना  सुप्त  हो  जाये  ,  जिससे  हर  आदेश  को   वे  बिना  किसी  विरोध  के  स्वीकार  करें  l   बिना  किसी  युद्ध  , बिना  किसी  खून - खराबे   के   विशाल  जनसँख्या  को  अपने  अधीन  करने   का  सुकून  उसे  मिला   l  --- इस  कथा  से  हमें  यही  शिक्षा  मिलती  है  कि   हम  अपने  मन  पर  अपना  नियंत्रण  रखें ,   यदि  हमारी  कमजोरियों  का  फायदा  उठाकर   किसी  दूसरे  ने   उस  पर  अपना  नियंत्रण  कर  लिया  तो  हमारा  जीवन  अर्थहीन  हो  आएगा   l