ग्रीस का राजा प्रसिद्ध दार्शनिक सुकरात से मिलने पहुंचा l उसने उनसे प्रश्न किया ---- " कृपया ये बताएं कि संसार में इतनी असमानताएं हैं , हर जगह विसंगतियां हैं , इनका निस्तारण कैसे हो सकता है ? " सुकरात ने उत्तर दिया ---- " राजन ! दुनिया भर की असमानता हटाने की आवश्यकता क्या है ? यदि हम संसार के सारे पर्वत समतल कर दें तो पर्वतों पर रहने वाले प्राणी कहाँ रहेंगे और यदि संसार के सारे समुद्र और खाइयाँ पाट दी जाएँ तो मछलियाँ कहाँ रहेंगी? समुद्र और जल में रहने वाले अन्य प्राणी कहाँ रहेंगे ? इसलिए यह सोचने के बजाय कि संसार की सारी असमानता हटा दी जाये , तुम अपने मन से इस भेदभाव को हटाने का प्रयत्न करो , तो तुम्हे सारी विसंगतियों में भी समरसता दिखाई पड़ने लगेगी l सुखी जीवन का यही मार्ग है l "
4 April 2023
WISDOM -----
पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी लिखते हैं ---- "भगवान का हमारे साथ होना एक ऐसा विश्वास है , जो हमें कठिन पलों में जबरदस्त संबल देता है , सकारात्मकता से जोड़ता है , जीवन को आशा भरी नजरों से देखने और इन जटिल पलों में भी बेहतर करने के लिए प्रेरित करता है l " --------- तपस्वी से राहगीर ने पूछा ---- " आप इस बियावान में अकेले रहते हैं , आपको भय नहीं लगता ? " तपस्वी ने उत्तर दिया -- " जो श्रेष्ठ विचारों से घिरें हैं , अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्र हैं और ईश्वर के चिन्तन में निमग्न हैं , वे भला कब और कैसे एकाकी हो सकते हैं ? उनके साथ उनके प्रभु परमेश्वर सदा ही रहते हैं l "
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