5 April 2019

WISDOM ------ शक्ति और सामर्थ्य के साथ चेतना का स्तर भी ऊँचा होना चाहिए

  चेतना  का  स्तर  ऊँचा  होने  पर  ही  शक्ति  और  सम्पदा  का  सदुपयोग  संभव  है   इसके  बिना  बन्दर  के  हाथ  तलवार  पड़ने  की   संभावना  ही  अधिक  रहेगी  l  '
  जिसका    अंतरंग     निकृष्ट  होता  है   तो  अभावग्रस्त  स्थिति  में  उसकी  यह  बुराई   दबी   रहती  है  ,  लेकिन  शक्ति  और  साधन  मिलने  पर   वह  और  अधिक  खुला  खेल  खेलने  लगती  है  l  दुर्बुद्धि ग्रस्त  और  कुकर्मी  व्यक्ति   यदि  शक्तिशाली  हो  जाये   तो  वह  विनाश  के  गर्त  में  अधिक  तेजी  से  गिरेगा  l  कुकर्मी  का  वैभव   उसके  स्वयं  के  लिए  ,   असंख्य   व्यक्तियों  तथा  समाज  के  लिए  अभिशाप  होता  है  l 
 समर्थता  और  सम्पन्नता  का  उस  व्यक्ति  व  समाज  को  लाभ  तभी  संभव  है   जब  व्यक्ति   शालीन   हो  ,  उसकी  चेतना  का  स्तर  उत्कृष्ट  हो   l