11 January 2024

WISDOM ------

     धरती  की  गोद  में  दो  बीज  पड़े  थे   l  एक  में  से  अंकुर  फूटे   और  वह  ऊपर  की  ओर  बढ़ने  लगा   तो  दूसरा  बीज  बोला  --- " भैया  ! ऊपर  मत  जाना  ,  वहां  भय  है  कि   दूसरे  तुम्हे  पैरों    तले    रौंद  डालेंगे  l "  यह  सुनकर  भी  पहला  बीज  मुस्कराता  हुआ  ऊपर  की  ओर  बढ़  गया  l  सूर्य  का  प्रकाश , हवा  व  पानी    पाकर   अंकुर  पौधे  में  बदल  गया  l  धीरे -धीरे  वह  पूर्ण  विकसित  वृक्ष  बना  और  संसार  से  विदा  होते  समय  अपने  जैसे  असंख्य  बीज  छोड़कर   आत्मसंतोष  अनुभव  करता  रहा  l , दूसरा  बीज  जहाँ  का  तहां  रह  गया  ,  सड़  गया  l  जीवन  में  प्रगति  वही  कर  पाते  हैं  ,  जो  चुनौतियों  से  लड़ने  का  जज्बा  रखते  हैं  ,  दूसरे  तो  पलायनवादी  ही  कहलाते  हैं  l