27 April 2023

WISDOM -----

 पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  के  विचार और  उनके  द्वारा  लिखे  गए  ' प्रेरणाप्रद  द्रष्टान्त  '  हमें  जीवन  जीने  की  कला  सिखाते  हैं  l  आज  की  परिस्थितियों  में  जब  लोग  बड़ी  जल्दी  निराश  होकर  आत्महत्या  कर  लेते  हैं  ,  ऐसे  में  आचार्य जी  के  विचार   मनुष्यों  को  सकारात्मक  सोच  प्रदान  करते  हैं   l   आचार्य जी  लिखते  हैं ------- -----" जो  उपलब्ध  है  उसे  कम  या  घटिया  मानकर   अनेक  लोग  दुःखी   रहते  हैं  l  यदि  हम  इन  लालसाओं  पर  नियंत्रण  कर  लें और  अपना  स्वाभाव  संतोषी  बना  लें   तो  शांतिपूर्वक  रह  सकते  हैं   l  अपने  से  अधिक  सुखी  , अधिक  साधन संपन्न  लोगों  के  साथ   यदि  अपनी  तुलना  की  जाये   तो  प्रतीत  होगा  कि   सारा  अभाव  और  दारिद्रय   हमारे  ही  हिस्से  में  आया  है  l  परन्तु  यदि  उन  असंख्य  दीन -हीन  , पीड़ित , परेशान  लोगों  के  साथ  अपनी  तुलना  करें  तो  अपने  सौभाग्य  की  सराहना  करने  को  जी  चाहेगा  l  l  केवल  मात्र  द्रष्टिकोण  के   परिवर्तन  से   सुख -शांति  से  जीवन  जिया  जा  सकता  है  l  "   एक  कथा  है ----- एक  अँधा  भीख  माँगा  करता  था  l  जो  पैसे  मिल  जाते  उसी  से  अपनी  गुजर -बसर  करता  l  एक  दिन  एक  व्यक्ति  ने  उसके  हाथ  में  पांच  रूपये  का  नोट  रखा  l  उसने   उस  कागज  को  टटोला  और  समझा  कि  किसी  ने  ठिठोली  की  है   l  उसका  मन  उदास  हो  गया  और  उसने   खिन्न  मन  से  उसे  जमीन  पर  फेंक  दिया  l  एक  सज्जन  ने  उसे  वह  नोट  उठाकर  दिया  और  कहा  यह  पांच  रूपये  का  नोट  है  , तब  वह  प्रसन्न  हुआ  और  उससे  अपनी  आवश्यकता  पूरी  की   l   आचार्य जी  लिखते  हैं ---- "  ज्ञान  चक्षुओं  के  अभाव  में  हम  भी   परमात्मा  की  अपार  देन   को  देख  और  समझ  नहीं  पाते  हैं   और  सदा  यही  कहते  रहते  हैं  कि  हमारे  पास  कुछ  नहीं  है  , हम  साधनहीन  हैं  ,  पर  यदि  हम   जो  कुछ  हमें  नहीं  मिला  है , उसकी  शिकायत  करना  छोड़कर  ,  जो  मिला  है  ,  उसी  की  महत्ता  समझें  तो  मालूम  होगा  कि   जो  कुछ  मिला  हुआ  है  वह  अद्भुत  है   l "