26 January 2022

WISDOM -----

         ईश्वर  के  बारे  में  लोगों  की  भिन्न - भिन्न  धारणा   है   l   दुर्बुद्धि  के  कारण    आपस  में  लड़ाई - झगड़ा  करने  के  लिए  भी     लोगों  ने  ईश्वर   का  बहाना  बना  लिया   l   धर्म  और  ईश्वर  के   आधार  पर   इस   तरह  लड़ने  पर   उतारू होते  हैं  जैसे  उन्होंने  ईश्वर  को  देखा  है   l   वास्तव  में   लड़ाई - झगड़ा ,  युद्ध ,  विनाश  के  कार्य  करना  ,  यह  सब  मानसिक  विकृति  है  ,  इसका  खामियाजा  मानव  जाति   को  भुगतना  पड़ता  है  l   श्रीमद् भगवद्गीता   का  सन्देश  मनुष्य  समझे   तो  कम  से  कम  लड़ाई  का  एक  बहाना  तो  समाप्त  हो  जाये    भगवान  श्रीकृष्ण  कहते  हैं  -- मनुष्य  चाहे  जिस  तरह  से   भगवान   को  अपनाते ,  उनसे  प्रेम  करते   और  आनंदित  होते  हों  ,  भगवान   उन्हें   उसी  तरह  अपनाते ,  उनसे  प्रेम  करते    और  आनंदित  होते  हैं  l   ईश्वर  तो  एक  ही  हैं  ,  लेकिन  मनुष्य  की  जैसी  भावना  होती   है  वह  उन्हें   वैसा   ही समझता  है   l   सूरदास जी , मीरा  ,   कंस , दुर्योधन   आदि  ने  जैसी  उनकी  भावना  थी  ,  उसी  रूप  में  उन्हें  जाना   l    यह  भी  एक  आश्चर्य  की  बात  है    कि   दिन  के  तो  वही  24   घंटे  होते  हैं    उसी  में  व्यक्ति  चाहे  साधारण  हो   या   समर्थ हो , शक्तिशाली   हो  उसके  पास   लड़ाई - झगड़ा ,  युद्ध  जैसे  नकारात्मक  कार्यों    को  करने  या  कराने  का  कितना  समय  होता  है   l   यह  सबसे  बड़ी  दुर्बुद्धि  है  कि   वह  अपनी   ऊर्जा को  सकारात्मक  दिशा  में  नहीं  लगाता  l 

WISDOM -----

   महर्षि  दयानंद   के  एक  शिष्य  थे --- अमीचन्द्र   l   वे  गाते   भी  बहुत  अच्छा  थे   और  तबला   भी बजाते  थे  l   पर  उन्हें  शराब  पीने  की  बुरी  लत  थी   l   दूसरे  शिष्यों  ने  उनसे  कहा  --- ' भगवन ,  इन्हे  अपने  साथ  न  रखें   l   इनसे  हम  सबकी  प्रतिष्ठा  गिरती  है   l   स्वामी जी  बोले --- " पहले   यह  गाता   था  ,  पेट  के  लिए   व  मनोरंजन  के  लिए   l   अब  जब  से  हम  से  जुड़ा  है  ,  भगवान   की  खातिर   उन्ही  को   सुनाकर   गीत  गाता   है   l   यह  स्वयं  बदलेगा  l  "  हुआ  भी  वही   l   प्रेरक  प्रभु  के  सन्देश   को  फैलाने  वाले   गीत  सुनाते - सुनाते   अमीचन्द्र  बदल  गए  ,  उनकी  आदत  भी  छूट  गई   और  समाज  सुधार  के  कार्य  में    स्वामी जी  के  सहयोगी  बने  l