6 December 2017

WISDOM ----- साख ( CREDIT ) का बड़ा महत्व होता है l

 ' साख '  को  बड़ी  मेहनत  से  कमाया  जाता  है  l जिसकी  साख  होती  है ,  उसका  कभी  अहित  नहीं  होता  है  l   महात्मा  गाँधी  के  लिए  अंग्रेजों  ने  ढेरों  षडयंत्र  किये ,  लेकिन  कभी  सफल  नहीं  हो  पाए  l
   उन  दिनों  इलाहाबाद  से  एक  पत्रिका  निकलती  थी  '  चाँद '  l   भगतसिंह  की  शहादत  के  बाद  उसका   एक  फाँसी  अंक  निकला  l  इससे  पत्रिका  की  संख्या  25  से  30  हजार  हो  गई  l  उस  समय ( 1932-33 )  के  हिसाब  से  यह  एक  बहुत  बड़ी  संख्या  थी  l
   उसी  के  बाद  के  अंक  में   ' चाँद '  ने   गांधीजी  के  खिलाफ   एक  कड़ी  टिपण्णी  लिख  दी  l  इससे  उनके  प्रति  भर्त्सना  और  अपमानजनक  व्यवहार  प्रकट  हो  रहा  था  l  गांधीजी  ने  कुछ  प्रत्युत्तर  नहीं  दिया  l   एक  अंक  में   दो   पंक्तियों    की  एक  छोटी  सी  टिपण्णी   उसके  प्रतिवाद  में   गांधीजी  ने  ' हरिजन '  पत्रिका  में  लिख  दी  l   परिणाम  यह   हुआ  कि  ' चाँद ' पत्रिका  बंद  हो  गई  l  उसके  ग्राहकों  ने   लेना  ही  बंद  नहीं  किया  ,  बल्कि  आक्रोश  इतना  उभरा  कि  पत्रिकाएं  लौटा  दीं ,  जबकि  गांधीजी  की  टिपण्णी  व्यक्तिगत  नहीं ,  सैद्धांतिक  थी  l   यह  है  किसी  महामानव  की  साख  का  कमाल  !