16 April 2018

WISDOM ---- बच्चे पवित्र और निर्दोष होते हैं

   कहते  हैं  बच्चे   भगवान  का  रूप  होते  हैं  ,  उनमे  कोई  छल - कपट  नहीं  होता   l  कन्याएं  देवी  का  रूप  होती  हैं   जब   दुष्ट  कंस  ने  देवकी  की  आठवीं  संतान  कन्या  को  पटक  कर  मारा  तो  वह  उसके  हाथ  से  छिटक  कर  ऊपर  चली  गई  और  भविष्यवाणी  हुई --- "  पापी  !  तेरा  अंत  निकट  है  तुझे  मारने  वाला  पैदा  हो  चुका  है  l  "
  आज  भी  जब  निर्दोष  और  पवित्र   कन्याओं  पर  अमानुषिक  अत्याचार  होता  है ,  इस  धरती  पर  उनके  जीने  के  हक  को  छीन  लिया  जाता  है   तब  वह  पवित्र  आत्मा  अपने  जीते  जी   अपनी  भोली  आवाज  में  समाज   को  जो  न  सिखा  पाई,  वह  अपनी  मृत्यु  से    समाज  को  सिखाती  है    l  पवित्र  आत्माओं  का  सन्देश  हम  सुन  लें ,  समझ  लें  तो  इस  डूबती  हुई  संस्कृति  को  बचा  सकते  हैं  l  सन्देश   भिन्न - भिन्न  हों  लेकिन  उनका  सार  एक  ही  है ---   '  अपने  पापों  का  प्रायश्चित  करो ,  अपने  हाथों  से  अपने  परिवार ,  अपनी  जाति,  अपने  धर्म   और  संस्कृति  को  पतन  के  गर्त  में  न  ले  जाओ   l '
  कोई  आत्मा  हमारे  ' पवित्र  स्थल '  की  पवित्रता  पर  प्रश्न  चिन्ह  लगाती  है  ,  सत्य  को  परखने  का  सन्देश  देती  है  l 
 कोई   आत्मा  समझाती  है,  चेतावनी  देती  है    ---- इतने  पतित  न  हो   जाओ  कि  तुम्हारे  दुष्कर्मों  की  छाया  से ,  उसकी  नकारात्मकता  से    तुम्हारे  परिवार  की  इज्जत  स्वयं    मर्यादा  रेखा  का  उल्लंघन  कर  दे   और  उस  दलदल  में  फंस  जाये   जहाँ  जीवन  मृत्यु  से  भी  बदतर  होता  है   l
    हमारी  संस्कृति  , हमारे  आदर्श  हमारी  नस - नस  में  समाएं  हैं  l  दुनिया  के  किसी  भी  कोने  में  पहुँच  जाओ ,  वे  हमसे  अलग  नहीं  होंगे   l  उसी  के  अनुरूप  व्यक्ति  अपने  परिवार  को  मर्यादित  देखना  चाहता  है  ताकि  समाज  में  इज्जत  बनी  रहे    लेकिन  जब  पापों  की  ,  दुष्कर्मों  की   काली  छाया   इतनी  भयंकर  हो  जाएगी   तब  सिर  पीटने   और  घुटन भरी  ,  मृत्यु  से  भी  बदतर  जिन्दगी    के  अलावा  कुछ  भी  शेष  नहीं  बचेगा  l