27 February 2018

WISDOM -------------

 अध्यात्म  रामायण  में  एक  कथा  आती  है ---- एक  बार   भगवान  राम  और  लक्ष्मण  एक  सरोवर  में  स्नान  के  लिए  उतरे  l उतरते  समय  उन्होंने  अपने - अपने  धनुष  बाहर  तट  पर  गाड़  दिए  l  जब  वे  स्नान  कर  के  बाहर  निकले  तो  लक्ष्मण  ने  देखा  कि  उनके  धनुष  की  नोक  पर  रक्त  लगा  हुआ  है  l  उन्होंने  भगवान  राम  से  कहा --- भ्राता ! लगता  है  कि  अनजाने  में  कोई  हिंसा  हो  गई  l "  दोनों  ने  मिट्टी  हटाकर  देखा  तो  वहां  एक  मेढक  मरणासन्न  पड़ा  था  l  भगवान  राम  ने  करूणावश  मेढक  से  कहा ---- " तुमने  आवाज  क्यों  नहीं  दी  ?  हम  लोग  तुम्हे  बचा  लेते  l  जब  सांप  पकड़ता  है ,  तब  तुम खूब  आवाज  लगाते  हो  ,  धनुष  लगा  तो  क्यों  नहीं  बोले  ? "
  मेढ़क   बोला  ---- " प्रभु  ! जब  सांप  पकड़ता  है  , तो  मैं  राम - राम  चिल्लाता  हूँ ,  पर  आज  देखा  कि  भगवान  राम  स्वयं  धनुष  लगा  रहे  हैं  ,  तो  किसे  पुकारता  ?  इसे  अपना  सौभाग्य  मानकर  चुपचाप  लेटा  रहा  l  "
सच्चे  भक्त   जीवन  के   हर  क्षण  को  भगवान  का  आशीर्वाद  मानकर  उसे  स्वीकार  करते  हैं   l