9 February 2014

PEARL

'जीवन  ऊर्जा  का  महासागर  है  | एक  लघु  बीज  है---असीम  संभावनाओं  का  |  जीवन  की  सफलता   और  सार्थकता   तो   अनंतता  को  पाने  में  है   |  बीज  जब  वृक्ष  बनकर  फूलों  से  खिले, उसकी  सुगंध  मुक्त  आकाश  में  बिखरे , वही  परितृप्ति  है, पूर्णता  है  |
       रोम्या रोलां  दमे  के  रोगी  थे  | उन्होंने  समस्त  प्रतिकूलताओं  से  तालमेल  बिठाते  हुए  अपने  अंदर  की  रचनात्मकता  विकसित  की  | उन्हें  साहित्य  के  लिये  1944  में  नोबेल  पुरस्कार  भी  मिला  | महात्मा  गांधी, स्वामी  विवेकानंद, सभी  की  जीवनियाँ  उन्होंने  लिखकर  पूर्व  को  पश्चिम  में  पहुँचाया  | यह  सब  उन्होंने  अपनी  शारीरिक  तकलीफ  के  बावजूद  किया  | उन्होंने  स्वयं  को  विराट  के  प्रति  खोला  | जो  ऐसा  करता  है, उसके  लिये  अनंत  ऊर्जा  के  द्वार  खुल  जाते  हैं  |