पं . श्रीराम शर्मा आचार्य जी लिखते हैं ---- " यदि व्यक्ति में असाधारण योग्यता के साथ लगन है तो वह अपने जीवन में कुछ भी हासिल कर सकता है l यदि साधारण योग्यता के साथ कार्य करने की लगन है तो वह जीवन में कुछ -न -कुछ विशेष कर ही लेता हैं l लेकिन यदि व्यक्ति में लगन ही नहीं है तो ऐसा व्यक्ति जीवन में कुछ खास नहीं कर पाता l लगन के साथ अभ्यास कर के व्यक्ति अपनी कमजोरी को ताकत में बदल सकता है l " एक प्रेरणादायक कहानी है ------ जापान के एक दस वर्षीय बच्चे को जूडो सीखने का बहुत शौक था , लेकिन उसका बांया हाथ नहीं था l फिर भी वह अपने माता -पिता से जूडो सीखने की जिद करने लगा l आखिरकार उसके माता -पिता उसे मशहूर मार्शल आर्ट्स गुरु के पास ले गए l गुरु ने जब उस बालक जिसका नाम ओकायो था , उसे देखा तो उन्हें अचरज हुआ l उन्होंने उससे पूछा --- " इस हालत में तुम अपने प्रतिद्वंदी का मुकाबला कैसे करोगे l " ओकायो ने कहा ---- " यह बताना आपका काम है l मैं तो बस इतना जानता हूँ कि मुझे सभी को हराकर एक दिन खुद ' मास्टर ' बनना है l मार्शल आर्ट्स गुरु उसकी प्रबल इच्छा शक्ति से बहुत प्रभावित हुए और उसे अभ्यास कराने लगे l कुछ दिन सीखने पर ओकायो को यह महसूस हुआ कि उसके गुरु दूसरे लड़कों को अलग -अलग दांव -पेच सिखा रहे हैं , लेकिन उसे एक ही तरह की किक लगाने का ही बार -बार अभ्यास करा रहे हैं l उसने गुरु से अपने मन की शंका जाहिर भी की , लेकिन गुरु ने उसे दूसरों पर ध्यान न देते हुए उसी अभ्यास में महारत हासिल करने के लिए कहा l सभी शिष्यों के सालोंसाल अभ्यास के बाद गुरु ने सबको बुलाया और कहा --- " अब एक प्रतिस्पर्धा आयोजित की जाएगी और जीतने वाले को ' सेंसेई ' ( मास्टर ) की उपाधि दी जाएगी l " नियत समय पर प्रतिस्पर्धा शुरू हुई l ओकायो ने पहले दो मैच बड़ी आसानी से जीते l तीसरा मैच कुछ कठिन था लेकिन कुछ संघर्षों के बाद ओकायो ने तेज किक के साथ अपने प्रतिद्वंदी को गिरा दिया और विजयी हुआ l और भी कई मैच जीतने के बाद ओकायो विजेता हुआ और उसे सेंसेई ' घोषित किया गया l सेंसेई घोषित होने के बाद ओकायो ने गुरु से अपनी जीत का रहस्य पूछा l गुरु ने कहा --- " प्रतिस्पर्धा में तुमने जिस किक का इस्तेमाल किया , उससे बचने का केवल एक ही उपाय था --- कि विरोधी का बांया हाथ पकड़ कर गिरा दो और तुम्हारा तो बांया हाथ ही नहीं है l इसलिए तुम्हारे प्रतिद्वंदी से कुछ करते नहीं बना l " ओकायो समझ गया कि लगातार लगन से किए गए अभ्यास के कारण उसकी कमजोरी उसकी सबसे बड़ी ताकत बन गई l