17 January 2018

WISDOM ------ दूसरों को सन्मार्ग के लिए प्रेरित करने हेतु उपजा आक्रोश धर्म का ही पथ है

 ' ऐसे  व्यक्तियों  को   मनस्वी  कहा  जाता  है  ,  जो  अन्याय  एवं  अनाचार  के  सामने  घुटने  नहीं  टेकते ,  वरन  उनसे  लोहा  लेते  हैं   और  अन्यायी  एवं  अत्याचारी  को   भी  सही  मार्ग  पर  लाते  हैं  l  वे  स्वयं  सन्मार्ग  पर  चलते  हैं   और  दूसरों  को  भी   सन्मार्ग  पर  चलने  के  लिए  प्रेरित  करते हैं   l 
  इस  सम्बन्ध  में  एक  घटना  है ---- तमिलनाडु     वीरेश  लिंगम  उन  दिनों स्कूल  में  विद्दा अध्ययन  कर  रहे  थे   l  उस  विद्दालय  के  हेडमास्टर  को  भाषा  का  समुचित  ज्ञान  नहीं  था  ,  फिर  भी  वे  विद्दालय  में  अपनी  धाक  जमाकर  रखते  थे  l  एक  दिन  उनके  विद्दालय  के  सभी  छात्रों  ने  मिलकर   उच्च  अधिकारी  को  शिकायत  लिख  कर  भेजी  कि  उनके  स्थान  पर  किसी  योग्य   एवं  सक्षम  व्यक्ति  को  नियुक्त  किया  जाये   l  हेडमास्टर  को  इस  आवेदन  का  पता  चल  गया    वे  और  उग्र  हो  गए  l  छात्रों  को   फटकारा  एवं  दण्डित  किया  l 
  छात्र नेता  होने  के  कारन  वीरेश  लिंगम  को   विद्दालय  से  निकाल  देने  कि  धमकी  दे डाली  l  उनकी  हेडमास्टर  से  कोई  व्यक्तिगत  दुश्मनी  नहीं  थी   किन्तु  निस्स्वार्थ  भावना  से   उन्होंने उनके  विरुद्ध  आवाज  उठाना  शुरू  कर  दिया  l  उस  प्रतिवेदन  की  कई  प्रतियाँ  कर  के   सभी  सम्बंधित  शिक्षा  अधिकारियों  को  भेजी  गईं  l  छात्रों  को  विद्दालय  में  नहीं  आने  के  लिए  कहा  गया  l  इस  हड़ताल  को  देखकर  सरकार  ने  जाँच  के  आदेश  दिए   और  अंततः  नए  प्रधानाध्यापक  की  नियुक्ति  कर  दी  गई  l 
        अनौचित्य  के  प्रति  क्रोधित  होने  की  परमार्थ  परायण  वृति  ने  ही  उन्हें  आगे  चलकर   एक  मनस्वी  समाज  सुधारक   के  रूप  में  ख्याति   दिलाई   l