6 February 2022

WISDOM ----

  काम , क्रोध ,  लोभ ,  मोह   ,  मनुष्य  की  वो  कमजोरियाँ   हैं   जिनमे  फँसकर   मनुष्य  भटकता  रहता  है  ,  उसे  न  मुक्ति  मिलती  है  ,  न  शांति    l   पं.  श्रीराम  शर्मा  आचार्य  जी   इसे  स्पष्ट  करने  के  लिए  एक  कथा  कहते  हैं  -----  भँवरे  को   यों   तो  सभी  फूलों  से  प्यार  होता  है  ,  लेकिन   उसे  कमल  के   फूल  से  सबसे  अधिक  प्यार  होता  है  l    वह फूलों  के  पराग - रस  का  मतवाला  होता  है   l   कमल  के  फूल  में  जैसे  उसके  प्राण  बास्ते  हैं   और  इस  अतिमोह  में  वह  अपने  प्राण  गँवा  देता  है   l  सुबह  से  शाम  तक   कमल  के  सौंदर्य  और  स्वाद  में   खोया  हुआ  भंवरा   सांझ  होने  पर  भी   उसके  मोह  से  नहीं  निकल  पाता  l  सांझ  होने  पर  सूर्य  अस्त  की  वेला  में  कमल  की  पंखुड़ियाँ   बंद  होने  लगती  हैं  ,  पर  कमल  की  माया  में  बंधा  भंवरा   वहीँ  जस  का  तस   बैठा    रहता  है   l  कमल  के  पूरी  तरह  बंद  होने  पर    भंवरा   उसी  में   कैद  हो  जाता  है   l  जो   भ्रमर   अपने   पराक्रम   से  कठोर   काष्ठ  को  भी  काटकर  चूर -चूर  कर  देता  है  ,  वही  मोहवश   कमल  की  कोमल   पंखुड़ियों  को  नहीं  काट  पाता ,  बस   ,   उन्ही के  बीच  सहमा , सिकुड़ा  बैठा   रहता है   l   उसे  प्रतीक्षा  रहती  है  सुबह  होने  की  ,  पर  यह  सुबह  उसके  जीवन  में    कभी    नहीं  आती   l   कमल  के  अंदर  प्राणवायु  के  अभाव   में   उसके  प्राण  ही   निकल  जाते  हैं   अथवा  सरोवर  में  स्नान  करने  आये   हाथी    उस  समूची  कमलनाल  को  उखाड़  कर  ही  खा  जाते  हैं   l   उस  भ्रमर  के  भाग्य  में   मृत्यु  के  अलावा   और  कुछ  नहीं  होता   l