13 April 2023

WISDOM ----

     श्रीराम  और  रावण  में   बुनियादी  अंतर   केवल  अहंकार  को  लेकर  था  l  भगवान  श्रीराम  अहंकार शून्य  थे  ,  जबकि  रावण  के  अहंकार  की  कोई  सीमा  नहीं  थी  l अहंकार  का  मतलब  है -- ' मैं '  को  प्राथमिकता  देना   और  यही  ' मैं ' रावण  के  व्यक्तित्व  का  आधार  था  l  रावण  ने  यमलोक  पर  आक्रमण  किया  l कालदंड  भी  कब्जे  में  कर  लिया  l भयवश  यम  भी  अद्रश्य  हो  गए  l  नवग्रह  भी  उसके  कब्जे  में  आ  गए  ,  तप  व  पुण्य  का  बल  उसका  साथ  दे  रहा  था   लेकिन  कोई  कितना  ही  बलशाली   क्यों  न  हो  ,  अहंकार  कितना  ही  बड़ा  क्यों  न  हो  , काल  उसे  मिटा  देता  है  l  पानी  का  बुलबुला  कितना  ही  बड़ा  हो,  फूट  जाता  है  l  अहंकारी  संवेदनहीन  होता  है   l  संसार  में  जहाँ  भी  अत्याचार , अन्याय , हिंसा , शोषण , उत्पीड़न  है  उसके   लिए  कोई  न  कोई  अहंकारी  ही  उत्तरदायी  है  l अहंकारी  न  तो  स्वयं  चैन  से  जीता  है  और  न  ही  दूसरों  को  चैन  से  जीने  देता  है  l