5 June 2022

WISDOM------

   हमारे  महाकाव्य  हमें  मार्गदर्शन  देते  हैं   की  जीवन  में  आने  वाली  विभिन्न  समस्याओं  के  कारण  को  गहराई  से  समझो  और  फिर  उसका  समाधान  करो   l  महामानव  सब  जानते  हैं  कि  आगे  का  युग  कैसा  आने  वाला  है   इसलिए   महाभारत  और   रामायण  के  माध्यम  से  उन्होंने  संसार  को  शिक्षण  दिया  है   l  छल कपट , षड्यंत्र , लोभ , लालच , महत्वाकांक्षा , आपसी  मनमुटाव ,  ईर्ष्या , द्वेष , सम्पति  के  झगडे --- ये  सब  त्रेतायुग  और  द्वापर  युग  में  भी  थे   ,  उस  समय  इनका  प्रतिशत  कम  था    लेकिन  कलियुग  में   इन  दुर्गुणों  के  कारण  होने  वाली   घटनाओं  की  भरमार  है   l  महाकाव्यों  के  अध्ययन  से  एक  बात  स्पष्ट  होती  है    कि  घात  तो  अपने  ही  करते  हैं ,  दुःख , धोखा  अपने  ही  देते  हैं  ,  गैर  तो  मौके  का  फायदा  उठाते  हैं   l  भगवान  राम  को  वनवास  उनकी  विमाता  कैकेयी  के  कारण  ही  हुआ  ,  किसी  गैर  के  कारण  नहीं   l  श्रीराम  तो  भगवान  थे    लेकिन  उन्होंने  मनुष्य  का  जन्म  लेकर  समझाया  कि   जब  परिवार  में    किसी  भी  संबंधों  में  झगडा  होता  है  तभी   दूसरे   लोग  फायदा  उठाते  l  यदि  भगवान  राम   अयोध्या  में  ही  रहते   तो  रावण  उस  ओर  देख  भी  नहीं  सकता  था ,  जब  वन  गए  ( मनुष्य  रूप  में  --)  तभी  रावण  को   सीताजी  के  अपहरण  का  मौका  मिला  l  इसी  तरह  महाभारत  में    दुर्योधन  हस्तिनापुर  का  युवराज  था  ,  इतना  बड़ा  साम्राज्य ,  कोई  कमी  नहीं  थी   लेकिन  ईर्ष्या , द्वेष  इतना  था   कि  शकुनि  के  साथ  मिलकर   सारा  जीवन  छल -कपट  और  षड्यंत्र  कर  के  अपने  ही  भाइयों  को  दुःख  देता  रहा  l     ये  प्रसंग  शिक्षा  देते  हैं   कि  चाहे  पारिवारिक  झगड़े  हों  या  जाति  और  धर्म  के  नाम  पर  होने  वाले  झगड़े  हो  ,  कहीं  कोई  रावण  है    जो  आएगा  ,  आपकी  संस्कृति  को  नष्ट  करेगा   l  कहीं  कोई  शकुनि  है  जो   आपके  पास  जो  थोडा  बहुत  सुख -चैन  है  ,  उसे  भी  अपनी  कुटिल  चाल  से  छीन  लेगा  l   आज  की  सबसे  बड़ी  जरुरत  है   मन  को  शांत   रखकर   जागरूक  और  चौकन्ना  रहने  की   l