उचित यही है कि हम इतिहास से शिक्षा लें और गलतियों को सुधारें l कहते हैं --- ' इतिहास स्वयं को दोहराता है l ' ---- जाति - पांति के अंतर्गत छोटे - बड़े की , ऊँच - नीच की भावना फूट फैलाती है , एक दूसरे को अलग करती है l एक देश में अनेकों देश , एक समाज में अनेकों समाज , एक वर्ग जाति में अनेकों जाति उत्पन्न करती है l इस फूट का दुष्परिणाम पिछले दिनों सारे समाज को भोगना पड़ा और हमें एक हजार वर्ष की गुलामी का दंड भुगतना पड़ा l यह जरुरी है कि अलगाव की दुष्प्रवृत्तियों के खतरे को समझा जाये और उनसे पिण्ड छुड़ाने का प्रयत्न किया जाये l
जागरूक होने के लिए इन उदाहरणों का मनन करना चाहिए ------
विभीषण रावण से क्रुद्ध होकर राम से जा मिला l उसने लंका का सारा भेद बता दिया l फलस्वरूप असुर वंश का नाश हो गया l
जयचंद मुहम्मद गजनवी से जा मिला और भारत के सब राजाओं की कमजोरी उसे बता दी l उस भेद से लाभ उठाकर ही मुसलमान थोड़े प्रयत्न से ही इतनी आश्चर्य जनक विजय प्राप्त कर सके l
राजपूतों में से बहुत से मुसलमानों से जा मिले थे , यही कारण था कि इतने लम्बे समय तक भारत को गुलाम बनाये रह सके l
अंग्रेजों को यहाँ के प्रतिभाशाली लोगों का सहयोग न मिला होता तो वे इतनी थोड़ी संख्या में होते हुए भी इतने अधिक समय तक हमारा शोषण कर सकने में कभी सफल नहीं होते l
शक्तिसिंह और राणा प्रताप में फूट पड़ जाने से ही चित्तौड़ का पतन हुआ l
ऐसी कलंकित गाथाएं इतिहास में अनेकों मिलती हैं जिनके कारण उस फूट के मार्ग पर चलने वाले व्यक्तियों का ही नहीं , व्यापक पैमाने पर सम्पूर्ण समाज का अहित ही हुआ है l
बन्दर और बिल्ली की कहानी प्रसिद्ध है जिसमे एक रोटी को दो बिल्ली आपस में बाँट न सकने के कारण बन्दर के हाथों उन्हें पूरी रोटी गंवानी पड़ी l
भारत में फैली हुई जाति - पांति , ऊँच - नीच , भाषावाद , प्रांतवाद , लिंग भेद आदि के नाम पर फैली हुई अलगाव की प्रवृतियां सब प्रकार से घातक और अवांछनीय हैं l इनका जितनी जल्दी अंत हो और एकता की भावना का उदय हो , उसमे हम सब का हित है l
जागरूक होने के लिए इन उदाहरणों का मनन करना चाहिए ------
विभीषण रावण से क्रुद्ध होकर राम से जा मिला l उसने लंका का सारा भेद बता दिया l फलस्वरूप असुर वंश का नाश हो गया l
जयचंद मुहम्मद गजनवी से जा मिला और भारत के सब राजाओं की कमजोरी उसे बता दी l उस भेद से लाभ उठाकर ही मुसलमान थोड़े प्रयत्न से ही इतनी आश्चर्य जनक विजय प्राप्त कर सके l
राजपूतों में से बहुत से मुसलमानों से जा मिले थे , यही कारण था कि इतने लम्बे समय तक भारत को गुलाम बनाये रह सके l
अंग्रेजों को यहाँ के प्रतिभाशाली लोगों का सहयोग न मिला होता तो वे इतनी थोड़ी संख्या में होते हुए भी इतने अधिक समय तक हमारा शोषण कर सकने में कभी सफल नहीं होते l
शक्तिसिंह और राणा प्रताप में फूट पड़ जाने से ही चित्तौड़ का पतन हुआ l
ऐसी कलंकित गाथाएं इतिहास में अनेकों मिलती हैं जिनके कारण उस फूट के मार्ग पर चलने वाले व्यक्तियों का ही नहीं , व्यापक पैमाने पर सम्पूर्ण समाज का अहित ही हुआ है l
बन्दर और बिल्ली की कहानी प्रसिद्ध है जिसमे एक रोटी को दो बिल्ली आपस में बाँट न सकने के कारण बन्दर के हाथों उन्हें पूरी रोटी गंवानी पड़ी l
भारत में फैली हुई जाति - पांति , ऊँच - नीच , भाषावाद , प्रांतवाद , लिंग भेद आदि के नाम पर फैली हुई अलगाव की प्रवृतियां सब प्रकार से घातक और अवांछनीय हैं l इनका जितनी जल्दी अंत हो और एकता की भावना का उदय हो , उसमे हम सब का हित है l