17 February 2020

WISDOM ----- सकारात्मक सोच

      जिसकी  सोच  सकारात्मक  होती  है   वह  अपनी  निंदा  सुनकर  कभी  विचलित  नहीं  होता ,  उस  बुराई  में   भी  अच्छाई  देख  लेता  है    l -----   एक  बार  गांधीजी   ट्रेन  से  जा  रहे  थे ,  अजमेर  स्टेशन  पर  एक  सज्जन  चढ़े  और   वहीँ  खड़े - खड़े  गांधीजी  को  बुरा - भला  कहने  लगे   l   बापू  उनकी  बातें  सुनते  हुए  बोले   कृपया  बैठ  जाएँ ,  इससे  आप  को  सुनाने  में  सुविधा  होगी  और  मुझे  सुनने  में   l   तभी  गार्ड  ने  सीटी   दी  और  गाड़ी   ने  प्लेटफार्म  छोड़  दिया  l  उन  महाशय  को  इसका  कोई  ख्याल  नहीं  रहा ,   उनका  आलोचना  करना  जारी  रहा  l   तभी  टिकट  चेकर  ने  डिब्बे  में  प्रवेश  किया  और  टिकट  माँगा  ल अब  ये  आलोचक  महोदय  घबरा  गए   l   तत्काल  गांधीजी  कह  उठे --- "  यह  मेरे  साथ  हैं  l   अभी  अजमेर  से  सवार  हुए  हैं  जल्दी  के  कारण  टिकट  नहीं  बन  सका  l   इसलिए  इनका  टिकट  बना  दीजिए  l " और  गांधीजी  ने  उनका  टिकट  बनवा  दिया  l  टिकट  बनाकर   टी.  टी. जैसे  ही  आगे  बढ़ा  , गांधीजी  ने  सहज  भाव  से  आलोचक  से  कहा --- आप  अपनी  बात  जारी  रखिये  l
  लेकिन  अब  आलोचक  महोदय  से  कुछ  कहते  नहीं  बन  रहा  था   l  गांधीजी  के  कारण  वह   अपनी  फजीहत  होने  से  बच  गया   l   वह  सोच  रहा  था   कि   कैसा  विचित्र  व्यक्ति  है  यह   जो  आलोचक  के  प्रति  भी  मैत्री  भाव  रखता  है  l   बापू  ने  उसके  असमंजस  को  भाँप   लिया   और  कहा ---- ' प्रत्येक  में  दोष  भी  रहते  हैं  और  गुण   भी  l   मेरी  भी  यही  स्थिति  है  l   पर  वास्तविक  मनुष्य  वही  है   जो  अपने  दोषों  को  खोजकर   उनके  निवारण  का  प्रयत्न  करे  l   आपने  दोषों  को  खोजने  में  मेरी  मदद  की  ,  अत:  आपसे  बड़ा  मित्र  और  कौन  होगा  l  "