13 July 2019

WISDOM ----

  समर्थ  गुरु  रामदास  का  ' दासबोध '  समयानुकूल  शिक्षाओं  का   भण्डार  है  l  ' दासबोध  में  वे  कहते  हैं --- समाज  में  रहने  वाले  व्यक्तियों  को   अपना  आचरण  ऐसा  रखना  चाहिए  जिससे  अपनी  उन्नति  और  भलाई  के  साथ  समाज  का  भी  हित  हो  l  उन्होंने  कहा  --- लोकमत  को  जानना  और   उसका  आदर  करना  बहुत  आवश्यक  है  l  जो  मनुष्य  लोकमत  की  उपेक्षा  करता  है  , वह  प्राय:  उद्दंड  और  स्वेच्छाचारी  हो  जाता  है  l  ऐसा  व्यक्ति  कभी   समाज    के  लिए  हितकारी  नहीं  हो  सकता   वरन  वह  किसी  न  किसी  तरह  समाज  की  हानि करने  वाला  ही  होता  है  l 
 समर्थ  गुरु  ने  आदेश  दिया  है  कि   मनुष्य  को  लोकमत  के  विरुद्ध  नहीं  चलना  चाहिए  l   समाज  में   मूढ़तावश   प्रचलित   कुरीतियों  या  हानिकारक  परम्पराओं   को  मिटाने  के  लिए  इस  प्रकार  का  व्यवहार  करना  चाहिए   जिससे  व्यर्थ  का   विरोध - भाव  उत्पन्न  न  हो   l   लोगों  को  समझा - बुझाकर  और  अपना  उदाहरण  दिखाकर  ही   सुधारने  का  प्रयत्न  करना  चाहिए  l  
  श्री  समर्थ  ने  आचार  और   विचार  दोनों  की   ही  शुद्धता  पर  बहुत  जोर  दिया  l