20 January 2023

WISDOM ----

    अमावस्या  की  रात  में  दीपक  ने  देखा  कि   आकाश  में  न  चाँद है  और  न  तारे  l  बस , वह  अकेला  ही  संसार  को  प्रकाश  दे  रहा  है  l  अपने  इस  पराक्रम  पर  उसको  अभिमान  हो  गया   और  वह  समस्त  संसार  को  संबोधित  करते  हुए  बोला --- " मेरी  महिमा  तो  देखो  !  मेरी  ही  कृपा  से   तुम  सब  तुच्छ  प्राणी   अंधकार  में  कुछ  देख  पा  रहे  हो  l  मुझे  प्रणाम  करो , मेरी  दयालुता  का  गुणगान  करो  l  "  दीपक  के  इन  अहंकार युक्त  वचनों   को  किसी  ने  महत्त्व  न  दिया  , परन्तु  एक  जुगनू  से  न  रहा  गया   और  वह  बोला ---- " एक  रात  के  अस्तित्व  पर  इतना  अहंकार  l  तनिक  ठहरो  ,  प्रभात  होने  पर  तुम्हारी   वास्तविकता  पूछूँगा  l  "  अधिकार  पाकर  किसी  को   मदांध  नहीं  हो  जाना  चाहिए   l