23 June 2024

WISDOM -----

 उत्तराखंड  के  एक  प्राचीन  नगर  में  सुबोध  नामक  राजा  राज्य  करते  थे  l  महाराज  का  नियम  था  कि   राजकीय  कार्य  प्रारम्भ  करने  से  पूर्व   वे  आए  हुए  याचकों  को  दान  दिया  करते  थे  l  इस  नियम  में   उन्होंने  कभी  भूल  नहीं  की  l  एक  दिन  जब  सब  लोग  दान  पा  चुके   तो तो  एक  विचित्र  स्थिति  आ  गई   l  एक  व्यक्ति  ऐसा  आया  जो  दान  के  लिए  हाथ  तो  फैलाए  था  ,  पर  मुँह  से   कुछ  न  कहता  था  l  सब  हैरान  हुए  कि  इसे  क्या  दिया  जाए   ?  बुद्धिमान  व्यक्तियों  की  एक  समिति  बैठाई  गई  l  किसी  ने  कहा  वस्त्र  देना  चाहिए  ,  किसी  ने  कहा  अन्न  देना  चाहिए  l  कोई  स्वर्ण  देने  को  कहता  था  l  समस्या  का  यथार्थ  हल  नहीं  निकला  l  राजा  की  कन्या  भी  वहां  उपस्थित  थी  ,  उसने  कहा ---- "  राजन  !  जो  व्यक्ति  न  बोल  सकता  है  , न  व्यक्त  कर  सकता  है   l  उसके  लिए  आभूषण  आदि  व्यर्थ  हैं  l  ऐसे  लोगों  के  लिए  सर्वश्रेष्ठ  दान  ' ज्ञान दान  है   l  ज्ञान  से  मनुष्य   अपनी  सब  इच्छाएं  ,  आकांक्षाएं   स्वयं  ही  पूर्ण  कर  सकता  है   और  दूसरों  को  भी  सहारा  दे  सकता  है  l  इसलिए  इसे  ज्ञान दान  दीजिए   l '  राजकन्या  की  बात  सभी  को  पसंद  आई   l  उस  व्यक्ति  के  लिए  शिक्षा  की  व्यवस्था  की  गई   l  यही  व्यक्ति  आगे  चलकर   उस  राज्य  का  विद्वान  मंत्री  नियुक्त  हुआ   l  ऋषि  कहते  हैं ---- अज्ञान  का  निवारण  ही  सच्चा  पुण्य -परमार्थ  है   l  यह  स्वाध्याय  से  और  ज्ञानार्जन  से  ही  संभव  है   l