14 March 2013

एक लालाजी थे ,गांव में रहते थे | हर किसी के खिलाफ मुकदमा लगाते रहते थे | कभी ब्याज के नाम पर कभी झूठे मुकदमे | जब बीमार पड़े तो गांव वालों से कहा -"अब हम मरने वाले हैं ,हमने तुम्हे बहुत कष्ट दिया | सोच रहे हैं प्रायश्चित कर लें | मरने के बाद आप सब हमारी छाती में खूंटा गाड़ देना ,यह सोचकर कि यह दुष्ट आत्मा है ,इसे शांति मिले | तभी हमारी आत्मा को शांति मिलेगी | वह मर गये | गांव वालों ने वैसा ही किया ,जैसा वे कह गये थे | तुरंत पुलिस आ गई ,बहुतों को पकड़ कर ले गई | वास्तव में मरने से पहले वे पुलिस में रिपोर्ट लिखा गये थे कि गांव के लोग हमारी छाती में खूंटा गाड़कर मारने का प्लान बना रहे हैं | मर कर भी लालाजी ने पूरे गांव को छोड़ा नहीं | दुष्ट आत्मा ऐसी ही होती हैं |

TACT

अंत;करण में विवेक और मन में संतोष ही स्थायी सुख शांति और प्रसन्नता
 देते हैं | प्रत्येक मनुष्य ,यहां तक कि प्रत्येक जीवधारी अपनी प्रकृति के अनुसार आचरण करता है | जैसे सर्प की प्रकृति क्रोध है ,इस क्रोध के कारण ही वह फुफकारते हुए काटता है और अपने अंदर का जहर उंडेल देता है | कोई उसे कितना ही दूध पिलाये ,उसकी प्रकृति को परिवर्तित नहीं किया जा सकता | इसी तरह नागफनी और बबूल को काँटों से विहीन नहीं किया जा सकता ,जो भी इनसे उलझेगा उसे ये काँटे चुभेंगे ही | जो विवेकवान हैं ,जिनका द्रष्टिकोण परिष्कृत है ,जो इस सत्य को जानते हैं ,वे प्रत्येक घटनाक्रम का जीवन के लिये सार्थक उपयोग कर लेते हैं | जैसे अमृत की मधुरता तो उपयोगी है ही ,परन्तु यदि विष को औषधि में परिवर्तित कर लिया जाये तो वह भी अमृत की भांति जीवन दाता हो जाता है |

WILL POWER

सफलता के लिये अनुकूल परिस्थितियों की बाट नहीं जोही जाती | संकल्प शक्ति को जगाया ,उभारा और विकसित किया जाता है | आशातीत सफलता जीवन के हर क्षेत्र में प्राप्त करने का एक ही राज मार्ग है -प्रतिकूलताओं से धैर्य और विश्वास के साथ टकराना और अपने अंदर छिपी सामर्थ्य को उभारना | जीवन हर पल जीने ,उत्साह -उमंग के साथ उसे अनुभव करने का नाम है | हर दिन का शुभारम्भ उत्साह के साथ ऐसे हो ,जैसे नया जन्म हुआ हो | यदि चिंतन सकारात्मक ,मात्र सकारात्मक हो तो सफलताओं के शीर्ष तक पहुंचने में ज्यादा विलंब नहीं होगा |