14 October 2021

WISDOM--------

  श्रीमद भगवद्गीता  में  भगवान  कहते  हैं   कि  दुराचारी  से  दुराचारी  के  लिए   भी   उनकी  दृष्टि  बड़ी  सहानुभूतिपूर्ण  है   l    किसी  से  कोई  गलती  हो  गई  है   तो  इसका  अर्थ  यह  नहीं   कि  उसके  लिए  अब   सब  द्वार  बंद   हो  गए  हैं   l  भगवान  कहते  हैं  ---- यदि  कोई  बहुत  ही   दुराचारी   अनन्य  भाव  से   मेरी  उपासना  करता  है   तो  वह  भी  साधु  कहने  योग्य   हो  जायेगा  l   ऐसा  भगवद भक्त  कभी  नष्ट  नहीं  होता  l   भगवान  की  स्पष्ट  घोषणा  है   कि   भक्ति  के  माध्यम  से  पापी  भी  तर  जाता  है   l  भगवान  ने  सदन  कसाई ,  अजामिल  और  गणिका  को  भी  तार  दिया   l   भगवान  कहते  हैं    जिनसे  गलतियां  हो  गई  हैं  ,  उनके  लिए  भी  मार्ग  है   l   भगवान  मात्र  सत्पुरुषों  का  नहीं  ,  बुरों  का  भी  भला  करने  आते  हैं   l   इसके  लिए  मार्ग  कहीं  से  भी  निकल  आता  है   l   दुराचारी  भी   सन्मार्ग  मिलने  पर   कल्याण  पा  जाता  है   l