28 November 2019

WISDOM -----

  पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी   का  कहना  है  कि  ---"  गायत्री  साधना  द्वारा  आत्मोन्नति  होती  है ,  यह  सुनिश्चित  तथ्य  है   लेकिन  केवल  चौबीस  अक्षरों  वाले  मन्त्र  को  रटने  से  काम  चलने  वाला  नहीं  है   l   सुबह  जागकर  गायत्री  मन्त्र  जपा  और  दिन  भर  ढेरों  खुराफातें  कीं  l  भला  ऐसे  कहीं  गायत्री  साधना  संभव  हो  सकेगी   l   गायत्री  को  समझने  के  लिए  गायत्री  मन्त्र  के  अर्थ  और  भाव  को  समझना  होगा  l "
      आचार्य श्री  ने   त्रिपदा  गायत्री  के  तीन  चरणों  के  ये   व्यावहारिक  अर्थ  समझाए ---- "  1 .  सकारात्मक  सोच   2 .  सुविधा - साधनों  का  सही - सही  सदुपयोग    3 .  शारीरिक  व  मानसिक  श्रम  की  सही  दिशा  l  "  यह  उनका  सर्वथा  नया  व्यावहारिक  चिंतन  था     जिसे  गायत्री  साधकों  को  आत्मसात  करना  चाहिए   l