8 March 2019

WISDOM ----- ---

 संसार  के  इतिहास  में  अनेक   ऐसी  महिलाएं  हुई  हैं  जिन्होंने  विभिन्न  क्षेत्रों  में  अपना  नाम  अमर  किया  है   l   देशभक्त  महिलाओं  की   सबसे  अधिक  संख्या  रूस  में  पाई  जाती  है  l  जब  रूस  में  जार  का  अत्याचारी  शासन  था  ,  प्रजा  दुःखी  थी   l  ऐसी  दशा  में   अनेक  स्वाभिमानी  युवक - युवतियों  ने  इस  अन्याय  का  खात्मा  करने  की  प्रतिज्ञा  की  l   वे  बम  और  पिस्तौल  लेकर  गुप्त  रूप  से  अत्याचारी  अधिकारियों  और  स्वयं  जार  पर  भी  हमला  करते  थे  l 
  द्वितीय  विश्व युद्ध  के  अवसर  पर   जब  जर्मन  सेना  ने  अकस्मात  आक्रमण  कर  के  रूस  के  एक  बड़े  भाग  पर  कब्ज़ा  कर  लिया   और  वहां  की  जनता  को  घोर  कष्ट  दिए   तब  वहां  अनेक  स्त्रियाँ  ऐसी   निकलीं  जिन्होंने  जर्मन  सेना  की  परवाह  न  कर  के  उनके  विरुद्ध  संघर्ष  किया  l  इनमे  ' जोया '  की  अठारह  वर्ष  लड़की  का  नाम  सबसे  अधिक   प्रसिद्ध  है   l  विभिन्न  रुसी  पत्रों  में  सैकड़ों  लेख  और  निबंध   इस  किशोरी  कन्या   की  बलिदान  कथा  पर  निकलते  हैं   l    एक  सामान्य  ग्रामीण  लड़की  की  इतनी  महिमा  इसलिए  है   कि  उसने  अपने  प्राणों  की  तनिक  भी   चिंता  किये  बिना  देश  के  शत्रुओं  को  नष्ट  करने  का  हर  तरह  से  प्रयत्न  किया  l   वह  पहले  तो  गुरिल्ला फौज  में  शामिल  होकर   जर्मन  सेना  को  तरह - तरह  से  हानि  पहुँचाने  की  कार्यवाही  करती  रही  l  फिर  एक  दिन  जर्मन  सेना  की  छावनी  के  पास  जाकर  उसमे  आग  लगाकर  चली  आई  ,  पर  जब  उसे  मालूम  हुआ  कि  उसकी  लगाई  आग  से   बहुत  थोडा  नुकसान  हुआ  ,  तो  फिर  वह  दूसरे  दिन  आग  लगाने  चली  l  उसके  साथियों  ने  उसे  रोका  की  आज  मत  जाओ  , जर्मन  सैनिक  सतर्क  होंगे  ,  लेकिन  वह  अपनी  प्रतिज्ञा  को  पूरा  करने   को चल  दी  और  आग   लगाते  हुए  पकड़  ली  गई   l  जर्मनों  ने  उसे पहले  गुरिल्ला  दल  का  भेद  पूछने  के  लिए  कोड़ों  से  बहुत  मारा  ,  अन्य  यातनाएं  दीं  फिर  फांसी  पर  चढ़ा  दिया   l     उसने  देश  की  आजादी  के  लिए  हँसते - हँसते  प्राण    न्योछावर   कर  दिए   l  तभी  से  जोया  के  जीवन - मृत्यु  की  अमर   गाथा  विश्व  भर  के  लिए   नवीन  चेतना  और  शक्ति  का  उद्गम  बन  गई  है   l