9 January 2025

WISDOM -----

   मनुष्य  के  जीवन  में  अनेक  समस्याएं  निरंतर  ही  उसे  घेरे  रहती  हैं  l  धन -वैभव  ,  सुख -सुविधा  के  साधनों  से   सभी  समस्याएं  हल  नहीं  होतीं  ,  टेंशन  बना  ही  रहता  है  l  इस  तनाव  का  सबसे  बड़ा  कारण  यह  है  ----  दिखावे  की  जिंदगी  l  वह  जैसा   है    वैसा  दिखना   और  दिखाना  नहीं  चाहता  <  अपनी  असलियत को  समाज  से  छुपाना   चाहता  है  l  यह  समस्या  गरीब  वर्ग  की  नहीं  है  l  यह  समस्या  है   मध्यम   और  अमीर  वर्ग  की  l  यदि  जीवन  खुली  किताब  की  तरह  हो  तो  कहीं  कोई  तनाव  नहीं  होगा  लेकिन  इस  युग  में  लोगों  के  स्वयं  को  बहुत  अच्छा , श्रेष्ठ  गुण  संपन्न , सबका  भला  चाहने  वाला  ,  सब  की  मदद  करने  वाला  संभ्रांत  व्यक्ति   होने  की  होड़  लगी  है  l  मनुष्य  होने  के  नाते   काम , क्रोध , लोभ , मोह , ईर्ष्या ,द्वेष ,  स्वार्थ , लालच , महत्वाकांक्षा  सभी  में  थोड़ी  -बहुत  होती  है  लेकिन   जिसमें  इनमे  से  कोई  भी  भाव  अधिक  है  वह  उनसे  जुड़ी  हुई  गलतियाँ  भी  करता  है  , बड़े  अपराध  भी  करता  है   और  फिर  समाज  में  स्वयं  को  शरीफ  दिखाने  के  लिए  मुखौटा  लगाए  रहता  है  ताकि  कोई  उसकी  असलियत  न  जान  पाए  l  उसका  सबसे  बड़ा  तनाव  इस  मुखौटे  के  उतरने  का  है  l  इस  मुखौटे  को  बचाए  रखने  के  लिए  उसे  कितने  पापड़  बेलने  पड़ते  है  ,  यह  उसके  तनाव  का  सबसे  बड़ा  कारण  है  ,  इसका  इलाज  डॉक्टर  के  पास  भी  नहीं  है  l  ऋषि  चिन्तन  यही  है  कि  जैसे  हो  वैसे  ही  दिखो , ,  जो  उपदेश  देते  हो  वैसा  ही  स्वयं  का  आचरण  हो  ,  यदि  गलती  हो  गई  है  तो  उसे  स्वीकार  करो  ,  स्वयं  को  सुधारने  का  संकल्प  लो  l  अपने  अहंकार  के  कारण  व्यक्ति  स्वयं  ही  अपने  जीवन  को  तनावग्रस्त  बना  लेता  है   और  बीमारियों  को  आमंत्रित  करता  है  l