30 March 2018

WISDOM

   वे  सारे  कर्म  जिनसे   आत्मा  का  विकास  हो ,  परमात्मा  का  सामीप्य  प्राप्त  हो  और  संसार  का  हित  साधन  हो  --- जीवन  का  सदुपयोग  है  l  जिसका  फल  पुण्य,  पावनता   और  अनन्त  शान्ति  के  रूप  में   मनुष्य    को  मिलता  है  l
   इसके  विपरीत  सारे  कर्म    और  सारे  मंतव्य   जीवन  का  दुरूपयोग  है ,  उसको  नष्ट  करना  है   l 
   संसार   की  सुख  शान्ति  तथा  सुन्दरता  बढ़ाने  के  लिए  ही   परमात्मा  ने  यह  मानव  जीवन  प्रदान  किया  है   l  इस  मंतव्य  में  ही  इसको  लगाये  रखना   जीवन  की तथा  सम्मान  करना  है   l