24 May 2022

WISDOM--------

    लघु -कथा ----- एक  राजा  को  किसी  मूर्तिकार  ने   तीन  सुंदर -सी  मूर्तियाँ  भेंट  कीं  l  राजा  को   उन  मूर्तियों  से  बड़ा  लगाव  था   l  एक  दिन  एक  राजसेवक  से   सफाई  करते -करते   उनमे  से  एक  मूर्ति   अचानक  टूट  गई   l  राजा  को  इसकी  सूचना  दी  गई   तो  राजा  ने  क्रोध  में  आकर   सेवक  को  मृत्यु दंड  की  सजा  सुना  दी   l  सजा  सुनते  ही  सेवक  ने  बाकी   दो  मूर्तियाँ  भी  तोड़  डालीं  l   जब  यह  बात  राजा  को  बताई  गई   तो  उसे  बड़ा  आश्चर्य  हुआ  l  उसने  सेवक  को  बुलाकर   उससे  ऐसा  करने  का  कारण  पूछा  ,  तो  सेवक  ने  कहा ----- "  महाराज  ! मूर्तियाँ  तो  मिटटी  की  बनी  थीं , उन्हें  किसी  न  किसी  दिन  टूटना  ही  था   l  जिससे  भी   ये   मूर्तियाँ  टूटतीं , वो  मृत्यु दंड  पाता  l    मुझे   मृत्यु दंड  मिल  ही  चुका  था   तो  मैंने  सोचा   कि  क्यों  न   मैं  दूसरों  का  जीवन  बचा  लूँ  ,  ऐसे  में  कम -से -कम  एक  ही  व्यक्ति  सजा  पायेगा  , पर  दो  का  जीवन  तो  सुरक्षित  रह  पायेगा  l  यही  सोचकर  मैंने    अन्य   दोनों  मूर्तियाँ  भी  तोड़  डालीं   l  "  सेवक  की  बात  सुनकर  राजा   की  आँखें  खुल  गईं  ,  उसके  ह्रदय  में  संवेदना  जाग  गई   l  राजा  ने  तुरंत  सेवक  की  सजा  माफ  कर  उसे  उच्च  पद  प्रदान  किया  l     वर्तमान  समय  में  जब  चारों  ओर  संवेदनहीनता   ही  दिखाई  देती  है  ,  यदि  किसी  भी  एक   वजह  से  लोगों  के  शुष्क  ह्रदय  में  संवेदना  जाग  जाए    तो   संसार  में  होने  वाले  युद्ध , रक्तपात , दंगे -फसाद  सब  समाप्त  हो  जाएँ  l