29 March 2019

WISDOM ---- देश के गौरवपूर्ण अतीत से परिचित होने से ही आत्मगौरव की भावना का विकास होगा

 रमेशचंद्र  दत्त  ( जन्म 1848)   अंग्रेजी  शासन काल  में  प्रशासनिक  सेवाओं  के  लिए  चुने  गए  l 1871  में  उन्हें  असिस्टेंट  मजिस्ट्रेट  के  पद  पर  नियुक्त  किया   गया  l   उन्होंने  अपने  बाल्यकाल  से  ही  देखा  कि  किस  प्रकार  अंग्रेज  भारतीयों  पर  अत्याचार  करते  हैं ,  चाबुक  और  हंटर  से  पीटते  निकल  जाते  हैं   और  भारतीय  इतनी  हीन  भावना  के  शिकार  हैं  कि  उनमे  प्रतिरोध  करने  का  साहस  ही  नहीं  है   l   उनका  विचार  था  कि  अपने  महान  अतीत  से  परिचित  होकर   भारतीय  जनता  में  आत्मगौरव  की भावना  का  विकास  होगा   और  उसकी  कर्म शक्ति  उस  गौरव पूर्ण  स्थिति  को   प्राप्त  करने  के  लिए  उठ  खड़ी  होगी  l   उनका  सर्वाधिक  लोकप्रिय  ग्रन्थ  ' प्राचीन  भारत  की  गाथाएं '  प्रकाशित  हुआ  , उसका  जनमानस  पर  सकारात्मक  प्रभाव  पड़ा  l  इसके  अतिरिक्त  उन्होंने  कई  उपन्यास  भी  लिखे  जिनमे  भारतीय  जनमानस  को  जगाने का  प्रयास  किया  गया  l