7 June 2023

WISDOM -----

   लघु  कथा ---- एक    राजा  वेश  बदलकर  नगर  में  यह  जानने  के  लिए   अक्सर  निकलता  था  कि  उसकी  प्रजा  सुखी  है  या  नहीं  l  एक  दिन  वह  एक  ग्रामीण   के  वेश  में  था  l  उसने  देखा  कि  एक  बहुत  बूढ़ा  आदमी   एक  बाग़  के  किनारे  काजू  का  पेड़  लगा  रहा  है  l  राजा  रुक  गया  l  उसने  उस  बूढ़े  आदमी  से  पूछा  --- "  बाबा  !  यह  पेड़  तुम  किसके  लिए  लगा  रहे  हो  ?  जब  इसमें  फल  लगेंगें  , तब  तुम  इसे  देखने  के  लिए  नहीं  रहोगे  l  फल  भी  तुम्हारे  किसी  काम  न  आएंगे  l  तुम्हारे  जीवन  के  थोड़े  से  ही  दिन  शेष  रह  गए  हैं  , फिर  इसे  लगाने  से  तुम्हे  क्या  फायदा  ? "   वृद्ध  ने  सहज  स्वर  में  उत्तर  दिया --- " फलों  के  पेड़  इसलिए  नहीं  लगाए  जाते   कि  हम  लगाते  ही  उनके  फल  खायेंगे  l  पेड़  को   लगाता    कोई  और  है  और  खाता  कोई  और  है  l  यह  दुनिया  की  बहुत  पुरानी    रीत  है  l  जो  फल  मैं  आज  खा  रहा  हूँ  , उसके  पेड़  मेरे  पूर्वजों  ने  लगाए  थे  l  मेरे  इस  पेड़  के  फल  आने  वाली  पीढियां  खाएँगी  l "  नदी  अपने  लिए  नहीं  बहती  ,  पेड़  अपने  फल  नहीं  खाता  l  इससे  यह  सीख  मिलती  है  कि  व्यक्ति  को  सदैव  दूसरों  के  हित  के  लिए  कार्य  करना  चाहिए  l  सबके  हित  में  ही   हमारा  हित  है  l