23 July 2020

WISDOM -----

  पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  ने  लिखा  है --- ' जिन्हे  हम  बुरी  वस्तुएं  समझते  हैं  ,  जिन  बातों  को  हम  अप्रिय  समझते  हैं ,  उनमे  हमारी  जागरूकता ,  चेतना  और  विवेक - बुद्धि  को  जाग्रत  करने  की  शक्ति  होती  है   l   उससे  अनुभव  बढ़ता  है , समझदारी  आती  है  l  यदि  बुरी  बातें  दुनिया  में  न  हों   तो  अच्छी  को  , श्रेष्ठता  को  अनुभव  करने  का  अवसर  लोगों  को  न  मिले   और  निष्क्रियता  अवं  जड़ता  बढ़ने  लगे  l   इस  प्रकार  जब  हम  गंभीरता पूर्वक  विचार  करते  हैं   तो  हमें  बुराई  के  गर्भ  में  भी    श्रेष्ठता  प्रतीत  होती  है  l   उसके  कारण  हमारी  अच्छाइयों  को   विकसित  होने  का  अवसर  मिलता  है   l   इस  प्रकार  वह  बुराई  भी    हमारी  श्रेष्ठता  को  बढ़ाने  का  हेतु  बनती  है  l "

WISDOM -----

  " सत्य  अकेला  नहीं ,  प्रेम  और  न्याय  को  भी  साथ  लेकर  चलता  है  l  इसी  प्रकार  असत्य  के  साथ   पतन  और  संकट  के  सहचरों  की  जोड़ी  चलती  है   l  "
      "  निर्भय  और  सबल  व्यक्ति  हिंसा  नहीं  करता  l   वह  अहिंसा  पर  विश्वास  करता  है  ,  क्योंकि  इसके  मूल  में  प्रेम  की  भावना  कार्य  करती  है  l   प्रेम  में  हिंसा  का  स्थान  कहाँ  ?  "
      हजरत  उमर   ने  एक  व्यक्ति  को  किसी  प्रदेश  का  शासक  नियुक्त  किया  l  इसके  बाद  खलीफा  एक  पड़ोसी   के  बच्चे  को  खिलाने   लगे  l   उसे   हँसाने   के  लिए  मुँह   बिचकाने   और  तरह - तरह  की  जानवरों  की  बोलियाँ   बोलने  लगे  l
  नव - नियुक्त  शासक  आश्चर्य  में  पड़   गया   l   उसने  कहा ---- " मेरे  पांच  बच्चे  हैं  l   उनमें   से  मैंने  किसी  को  भी   इतने  प्यार  से  नहीं  खिलाया  ,  जितना  कि   आप  पड़ोसी   के  बच्चे  से  लिपट  रहे  हैं  l "
  खलीफा  ने  नियुक्ति  पत्र  वापस  ले  लिया    और  कहा ---- "  जब  तुम  अपने  बच्चों  को  प्यार  नहीं  कर  सकते   तो  मेरी  प्रजा  को   प्रसन्न  रखने  की  बात  कैसे   सोच  सकोगे  ?  "