30 June 2022

WISDOM -------

    पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  ने  अपने  आचरण  से  संसार  को   ' सादा  जीवन - उच्च  विचार  का  संदेश  दिया  ---- सादगी  का  अर्थ  केवल  खान-पान  या  सरल  जीवन  शैली  नहीं  है  ,  बल्कि  यह  वास्तव  में  एक  सोच  है  ,  क्योंकि  इस  सोच  के  कारण  ही   जीवन  को  देखने  का  हमारा  नजरिया   बदल  जाता  है   l   यदि  यह  नजरिया  सीधा -सादा  होगा    तो  फिर  ज्यादा  झूठ  बोलने  की ,  छल - कपट  करने , षड्यंत्र  करने  की  आवश्यकता  नहीं  होगी  ,  फिर  जीवन  में  दूसरों  से  आगे  निकलने  की ,  अपनी  महत्वाकांक्षा  को  उचित - अनुचित  किसी  भी  तरीके  से  पूरा  करने  की ,   दूसरों  पर  आधिपत्य  जमाने  की  जरुरत  भी  महसूस  नहीं  होगी   l   '  आचार्य श्री  लिखते  हैं ---- ' आज    संसार  में  बाहरी  आकर्षण  का  प्रभाव  इतना  अधिक  है   कि  लोग  सादगी  को  अपने  जीवन  में  उतार  ही  नहीं  पाते   l  आज  समाज  में  सच्चे  लोग  ढूँढना  मुश्किल  है    और  जटिल  मनोग्रंथियों  से  युक्त   व्यक्तियों  आज  बहुतायत  है   l   व्यक्ति  की  इच्छाएं , महत्वाकांक्षा  बहुत  बढ़  गई  हैं   इसलिए  जीवन  जटिल  और  तनावग्रस्त  है  l  '     आचार्य जी  के  सादा जीवन -उच्च विचार  के  संदेश  को  न  समझ  पाने  के  कारण  ही   आज  संसार  में    हर  दिशा  में   --परिवार , समाज , राष्ट्   और  सारे    संसार    में  भीषण  रूप  से   छीना  -झपटी ,  छल -कपट , षड्यंत्र  का   बोलबाला  है   l    अति  की  महत्वाकांक्षा  और  उन्हें  अतिशीघ्र  पूरा  करने  की  लालसा   के  कारण  ही  व्यक्ति  आत्महीनता  की  ग्रंथि  से  ग्रस्त  हो  जाता   और  ऐसे  व्यक्ति    चाहे  जिस  भी   इकाई में , क्षेत्र  में  हों  ,  भीतर  से  अशांत  होने  के  कारण   सब  तरफ  अशांति  फैलाते  है  l  सिकंदर , तैमूर लंग  जो  लंगड़ा  था  और  हिटलर  केवल  इतिहास  के  पन्नों  में  ही  नहीं  हैं  ,  उनकी  सोच  लोगों  के  मनो -मस्तिष्क  में  समा  गई  है   इसलिए  परिवार  बिखर  रहे  हैं , संसार  में  अशांति  है   l  समस्या  इसलिए  जटिल  है   क्योंकि  अब  प्रकृति  भी  इस  मानव व्यवहार  से   कुपित  हो  गई  है   और  कब  प्रकृति  का  क्रोध  किस  रूप  में  सामने  आ  जाये ,  कोई  नहीं  जानता   l