12 December 2012

DHYAN

ध्यान हमारा परमात्मा से मिलन है और यह मिलन इतना आसान नहीं ।ध्यान की शुरूआत निष्काम कर्म से होती है ।निष्काम कर्म से मन के विकार दूर होते हैं और मन निर्मल हो जाता है ।मन की चंचलता थमती है और निरंतर भागने वाला मन परमात्मा में लगने लगता है