पं. श्रीराम शर्मा आचार्य ने वाड्मय ' महापुरुषों के अविस्मरणीय जीवन प्रसंग में लिखा है --- " पाप और दुष्प्रवृति को जड़ से काटने के लिए क्रांति और संघर्ष करना पड़ता है l बढ़ती हुई दुश्चरित्रता , दंगा - फसाद , लूट - पाट, दहेज - के लिए क्रूरता , अन्धविश्वास आदि के समाचार तो लोग पढ़ -सुन लेते हैं पर अर्द्ध - मृत जीव की तरह उनकी इतनी भी हिम्मत नहीं होती कि कम से कम अपने ही क्षेत्र में उस दुष्प्रवृति को मिटाने का प्रयत्न करें l दुष्प्रवृत्तियों के विरुद्ध संघर्ष और सत्याग्रह के इस अभाव के कारण ही आज संसार में बुराइयाँ पनप रही हैं l "
अमेरिका में राष्ट्रपति कैनेडी के शासन के समय एटार्नी बैंजहाफ ने जब ' धूम्रपान का स्वास्थ्य पर प्रभाव ' की रिपोर्ट पढ़ी तो वे अकेले ही ' सिगरेट छोड़ो ' अभियान चलाने के लिए उठ खड़े हुए l अमेरिका जैसे देश में जहाँ सिगरेट उद्दोग बड़े - बड़े पूंजीपतियों के हाथ में है , उन्होंने यह साहस किया l उन्होंने नारा दिया ---- चढ़ती आयु और शक्ति का तकाजा यह नहीं कि हम अपने लिए कितना कर लेते हैं वरण शान इसमें है कि हम सदाचार , सत्प्रवृति और मानवता की रक्षा के लिए कितना त्याग और उत्सर्ग कर सकते हैं l '
अमेरिका में राष्ट्रपति कैनेडी के शासन के समय एटार्नी बैंजहाफ ने जब ' धूम्रपान का स्वास्थ्य पर प्रभाव ' की रिपोर्ट पढ़ी तो वे अकेले ही ' सिगरेट छोड़ो ' अभियान चलाने के लिए उठ खड़े हुए l अमेरिका जैसे देश में जहाँ सिगरेट उद्दोग बड़े - बड़े पूंजीपतियों के हाथ में है , उन्होंने यह साहस किया l उन्होंने नारा दिया ---- चढ़ती आयु और शक्ति का तकाजा यह नहीं कि हम अपने लिए कितना कर लेते हैं वरण शान इसमें है कि हम सदाचार , सत्प्रवृति और मानवता की रक्षा के लिए कितना त्याग और उत्सर्ग कर सकते हैं l '