2 April 2022

WISDOM -----

   पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं ---- "  जो अपनी  हर  कोशिश से ,  अपने  हर  प्रयास  से  कुछ  न  कुछ  सीखता  है  ,  वही  सकारात्मक  होता  है   और  अपनी  मंजिल  की  ओर   तेजी  से  बढ़ता  है   l  "     दंतकथाओं  के  अनुसार ------  फीनिक्स   पक्षी   अपने  जीवन  चक्र  के  अंत  में   खुद  के  इर्द -गिर्द   लकड़ियों  और  टहनियों  का  घोंसला  बनाकर  उसमें  जल  जाता  है   l  फिर  उसी  राख   से   एक  नए   फीनिक्स   का  जन्म  होता  है  l   कभी - कभी   ईश्वर  की  कृपा  से   किसी    मनुष्य   के  जीवन  में  भी  यह  सत्य  घटित  होता  है   l   अमेरिका  के  महान  वैज्ञानिक  थामस  अल्वा  एडिसन   के  जीवन  का   प्रसंग है   l    वर्ष  1914   के  आखिरी  महीने  के  दिन  थे  ,  एक  रात  उनकी  विशाल  फैक्टरी   में  आग  लग  गई   l   आग  की  उन  तेज  लपटों  में  एडिसन   अपनी  जिंदगी  की  पूरी  कमाई   और  अपने  वर्षों  के  काम  को   राख   में  तब्दील  होते  हुए  देख  रहे  थे  l  अपने  बेटे  पर  नजर  पड़ते  ही   एडिसन  ने   चिल्लाकर  उससे  कहा  ---- " चार्ल्स  अपनी  माँ  को   बुलाकर  लाओ  l   वो  अपनी  जिंदगी  में   इस  तरह  का  दृश्य   दोबारा  कभी  नहीं  देख  पाएंगी  l  "  सुबह  होते - होते  एडिसन  के  सारे  सपने   और  उनसे  जुडी  आशाएं  राख  हो  चुके  थे  ,  लेकिन  एडिसन   राख  के  उस  ढेर  में  से   फीनिक्स  पक्षी  की  भांति   एक  नए  रूप  में  बाहर  आए  l  विनाश  को  देखने  के  लिए  वहां  एकत्रित   भीड़  में  एडिसन   ने   पूरे   जोश  और  होश    के  साथ  यह  घोषणा  की   कि ----- " विध्वंस  के  बाद  हानि  नहीं ,  लाभ  होता  है   l   हमारी  सारी   गलतियां   इस  आग  में  जलकर  राख  हो  गईं   l   ईश्वर  को  धन्यवाद   कि   इसके  कारण  हम  दोबारा  नई   शुरुआत  कर  सकते  हैं   l  "