26 December 2019

WISDOM -----

    मर्यादा  में  रहने  पर   शक्ति , विजय ,  कीर्ति    और  विभूतियाँ  उपलब्ध  होती  हैं   l   उनसे  विचलित   होने  पर   ही  अनिष्ट  होता  है  l  मानवीय  मर्यादाओं  के  उल्लंघन  के  कारण  ही    आज  मानव  एवं   समाज   की  दुर्दशा  हुई  है   l   
  भगवान   राम   के  पास  अतुलनीय  शक्ति  थी   l   उनके  पास  ऐसे   दिव्यास्त्र  थे  कि   पल भर  में  ही  रावण  एवं   लंका  की   सभी  आसुरी  शक्ति  को  ढेर  कर  सकते  थे  , परन्तु  उन्होंने  ऐसा  नहीं  किया  l   सामान्य  रूप  से  अधिक  शक्ति  का  अर्जन  अहंकार  को  जन्म  देता  है  l   शक्ति  का  प्रदर्शन  इसी  दर्प  का  परिणाम  है  l    रावण  इसी  का  जीता  जागता  रूप  था   l   रावण  ने  शक्ति  का  अर्जन  बहुत  किया  था  ,  परन्तु  वह  उसका  लोक कल्याण    के  लिए  उपयोग  करना  भूल  गया  l  वह  अपने  अहंकार  के  प्रदर्शन  में  और  मर्यादाओं  को  छिन्न - भिन्न  करने  में  लग  गया  ,  इसलिए  उसका  अंत  मर्यादा  पुरुषोत्तम  भगवान   राम  के  हाथों  हुआ   l
  भगवान   राम  ने  शक्ति  का  उपयोग  लोकहित   में  किया  ,  नीति   की  स्थापना  के  लिए  किया   ताकि  लोग  इस  राह  पर  चलकर  स्वयं  को  धन्य  मान  सकें   l   यही  तत्व  संसार  में  यश  और  कीर्ति  बढ़ाने  वाला  होता  है   l   यही  कारण  है   भगवन  राम  आज  भी  जन  - जन  के  मन  में  बसे   हैं  l