9 March 2024

WISDOM ------

  1 .  हवा  जोर  से  चलने  लगी  l  धरती  की  धूल  उड़ -उड़  कर  आसमान  पर  छा  गई  l  धरती  से  उठकर  आसमान  पर  पहुँच  जाने  पर  धूल  को  बड़ा  गर्व  हो  गया  l  वह  सहसा  कह  उठी  --- "  आज  मेरे  समान  कोई  भी  ऊँचा  नहीं  l  जल , थल , नभ  के  साथ  दसों  दिशाओं  में  मैं  ही  व्याप्त  हूँ  l "   बादल    ने  धूल  की  गर्वोक्ति  सुनी  ,  और  अपनी  धाराएँ  खोल  दीं  l  देखते  ही  देखते   आसमान  से  उतर  कर   धूल  जमीन  पर   पानी  के  साथ  दिखाई  देने  लगी  ,  दिशाएं  साफ़  हो  गईं  ,  धूल  का  नामो-निशान  मिट  गया  l  पानी  के  साथ  बहती  हुई  धूल  से  धरती  ने  पूछा  ---- " रेणुके  !  तुमने  अपने  उत्थान -पतन  से  क्या  सीखा  ?  "    धूल  ने  कहा ---- " माता  धरती  !  मैंने  सीखा  कि  उन्नति  पाकर  किसी  को   घमंड    नहीं  करना  चाहिए   l  घमंड  करने  वाले  मनुष्य  का  पतन  अवश्य  होता  है  l  

2 . एक  व्यक्ति  ने  महात्मा  कन्फ्युशियस   से  प्रश्न  किया  ---- " महात्मन  !  संयमित  जीवन  बिताकर  भी  मैं  रोगी  हूँ  ,  ऐसा  क्यों  ? "    कन्फ्यूशियस   ने  कहा ---- " भाई  !  तुम  शरीर  से   संयमित  हो  , पर  मन  से  नहीं  l  अब  जाओ   ईर्ष्या -द्वेष  करना  बंद  कर  दो  ,  मन  से  भी  संयमी  बनो  ,  तो  तुम्हे  संयम  का  पूर्ण  लाभ  मिलेगा  l  "