26 June 2019

WISDOM ---- गृहस्थ जीवन का उत्तम उदाहरण

 संत  सुकरात  ने  अपना   गृहस्थ  जीवन  सुख - दुःख  और  असुविधाओं  की   परवाह  न  कर  के  अच्छी  तरह  निबाहा  l  जो  लोग  जरा -जरा  सी  बात  पर    तलाक  की  तैयारी  करने  लगते  हैं ,  अथवा  अपने  जीवन  का  अंत  कर  के   झंझटों  से  छुटकारे  की  कोशिश  करते  हैं  ,  उनके  लिए  एक  उत्तम  उदाहरण  छोड़ा  है  ------ एक  बार  सुकरात  की  पत्नी  जेथिपी  ने  बाजार  में  ही  सुकरात  से  झगड़ा  किया  और  उसका  कोट  फाड़  डाला  l  यह  देखकर  सुकरात  के  मित्र  बड़े  नाराज  हुए  और  उन्होंने  कहा  कि  जेथिप्पी  को  इसका  दंड  अवश्य  दिया  जाना  चाहिए  l  पर  सुकरात  ने  कहा ---- " जिस  प्रकार  सईस  दुष्ट  घोड़े  के  साथ  रहकर   उन्हें  ठीक  करने  का  प्रयत्न  करते  हैं   उसी  प्रकार  मैं  भी  एक  चिड़चिडे  स्वभाव  वाली  स्त्री  के  साथ  रहता  हूँ   l  और  जिस  प्रकार  यदि  वह  सईस  उस  दुष्ट  घोड़े  पर  काबू  पा  लेता  है   तो  अन्य  घोड़ों   को  तो  आसानी  से   वश  में  रख  सकता  है  ,  उसी  प्रकार  जेथिप्पी  के  दुर्व्यवहार   का  मुकाबला  करता  हुआ   मैं  समस्त  संसार   का  सामना  करने  का   अभ्यास  करता  हूँ  l  "  
 एक  बार    सुकरात  के  किसी मित्र  ने  इस  प्रकार   की  घटनाओं  को   देखकर  कहा  कि  --- " जेथिप्पी  का  व्यवहार  असहनीय  है  , आप  उसे कैसे  बर्दाश्त  करते  हैं  ? "  सुकरात  ने  कहा ---- ' जिस  प्रकार  आप  अपनी  पालतू  बतखों   की  घें - घें  को  सुनते  रहते  हैं  उसी  प्रकार  मैं  भी   उसकी  बातों  को  सुनने  का  अभ्यस्त  हो  गया  हूँ  l  '  मित्र  ने  कहा  --- " परन्तु  बतखें  तो  मुझे  अंडे  और  बच्चे  देती  हैं  l " 
सुकरात  ने  कहा  ---- " जेथिप्पी  भी  मेरे  बच्चों  की  माँ  है   l  "