22 July 2019

WISDOM ----- सुख - शान्ति से रहने के लिए भेद की इन रेखाओं को मिटाना होगा

  बंट्रेंड  रसेल  का  जन्म  इंग्लैण्ड  में  हुआ  था  l  वे  मानवतावादी  विचारक  थे  और  विश्व  को  एक  कुटुम्ब  के  रूप  में  देखना  चाहते  थे  l  मानव - मानव  के  बीच  धर्म , जाति , सम्प्रदाय  और  राष्ट्र  की  जो  ऊँची , ऊँची  दीवारें  हैं  , उन्हें  वे  तोड़ने  के  लिए  प्रयत्नशील  थे  l  अपने  एक  वक्तव्य  में   उन्होंने  यही  अपील  की  थी  कि   मनुष्य  को  यह  भूल  जाना  चाहिए  कि  वे  हिन्दू  के  यहाँ जन्मे  या  मुसलमान  के  यहाँ , यहूदी  या  ईसाई  के  यहाँ   l  कोई  भी  भूमि  आपको  जन्म  दे  सकती  है   l यदि  कोई  महत्वपूर्ण  बात  है  तो  वह  यह  है  कि   आप  इन्सान  हैं   l 
  जब  प्रथम  विश्व युद्ध  छिड़ा  तो  वे  बहुत  दुःखी  हुए    और  सोचने  लगे  कि  कितने  ही  नवयुवक  जो  देश  की  रचनात्मक  गतिविधियों  में  सक्रिय  रूप  से  सहयोग  दे  सकते  हैं  ,  युद्ध  की  अग्नि  उन्हें  अपने  में  समेट  लेगी  l    वे  कहते  थे  कि  भगवान  का  सबसे  महत्वपूर्ण  वरदान  बुद्धि  है   इसके  सदुपयोग  से  बड़े  से  बड़े  कार्य  संपन्न  किये  जा  सकते  हैं   l 
 चंद्रतल  को  अपने  पैरों  से  रौंदने  वाले  मानव  को  वे  अंत  तक  यही  सन्देश  देते  रहे  कि  इस  धरती  पर  हाथ  में  हाथ  मिलकर  प्रेम  से  चलने  का  प्रत्येक  व्यक्ति  को  प्रयत्न  करना  चाहिए  l