8 February 2022

WISDOM -----

     रावण  प्रतिवर्ष  जलाया  जाता  है  ,  लेकिन  फिर  भी  वह  मरा  नहीं ,  रावण  एक  विचार  है   जो  लोगों  के  हृदय  में  आज  भी  जिन्दा  है  l   यह  कलियुग  का  असर  है  कि   रावण  की  अच्छाई  को    कि   वह  वेद  और  शास्त्रों  का  ज्ञाता   ,  महाबलशाली ,  परम  शिवभक्त  था  --- इन  गुणों  को  समझने  व  अपनाने  वाले  बहुत  कम  हैं    लेकिन  उसकी  बुराई  को    ग्रहण  करने  वाले  बहुत  हैं  l   रावण  का  सबसे  बड़ा  दोष  था   कि   वह  कपटी  था  ,  उसने  छल  से ,  वेश  बदलकर   माता  सीता  का  अपहरण  किया  l   राम  और  सीता  जंगल  में  भी  खुश  थे    लेकिन  रावण  से  उनकी  खुशी   नहीं  देखी   गई  ,  उसने  उनकी  ख़ुशी  को  छीन  लिया  l   रावण   जैसा  छल - कपट  का  आचरण  करने  वाले  लोगों  की   इस  युग  में  भरमार  है   इसलिए   लोगों  में  तनाव  है  ,  परिवार  टूट  रहे  हैं  l    छल , कपट  करने   के तरीके  बदल  गए   l   ------ हमारे  महाकाव्य  हमें  जीवन  जीना  सिखाते  हैं   l  छल -कपट , षड्यंत्र  कभी  एक  व्यक्ति  अकेले  नहीं  करता l    जैसे  रावण  की  एक  विशाल  सेना  थी  ,  मारीच , सुबाहु  अनेक  राक्षस  उसने   अपने  अनैतिक  कार्यों  और   निर्दोष  ऋषियों  को   उत्पीड़ित  करने  के  लिए  लगा  रखे  थे    ,   इसी  तरह  रावण  जैसी    मानसिकता     के  लोग  भी  बहुत  बड़े  समूह  में  रह  कर  ही   अपने  नापाक  इरादों  को  अंजाम  देते  हैं    l   विभीषण  का  चरित्र  भी   एक    शिक्षा   देता  है      ----   यदि    कभी    कोई     रावण  जैसे   शक्तिशाली   और    छल , कपट  , षड्यंत्र  करने  वालों   के बीच  घिरा  हुआ  हो   तो   उनसे     किसी  प्रकार  की  लड़ाई  कर  के  या   उन्हें    समझाकर     नहीं  जीता  जा  सकता  ,  उससे    अपनी  रक्षा  का  एक  ही    उपाय  है  --- अपना  कर्तव्य  पालन  करते  हुए  ईश्वर  की  शरण  में  जाना ,  ईश्वर  के  प्रति  समर्पण  l   तब  भगवान  स्वयं  न्याय  करते  हैं  ,  रावण  मारा  गया  और  विभीषण  का  राज्याभिषेक   l    ईश्वर  अपने  भक्तों  का  मान  बढ़ाते  हैं  ,  श्रीराम  तो  भगवान  थे ,  उन्हें  तो  मालूम  था  कि   रावण  की  नाभि  में  अमृत  है   लेकिन    उन्होंने   यह  रहस्य  विभीषण  से  पूछकर   उसका  मान  बढ़ाया     विभीषण  भी  सिर   उठाकर  कह  सके  कि  अधर्म  के  नाश  जैसे  युग  निर्माण  के  कार्य  में    वह  भी  भगवान  का  सहयोगी   था   l