20 September 2022

WISDOM -----

   पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य  जी  लिखते  हैं --- 'इस  समय  का  सबसे  बड़ा  दुर्भाग्य  यह  है  कि  इस  समय  सभी  वर्णों  ने  अपनी -अपनी  गरिमा  को  भुला  दिया  है  l  इस  समय  केवल  एक  ही  वर्ण  रह  गया  है  वह  है ---व्यापारी  l डॉक्टर , इंजीनियर , कलाकार , शिक्षक , पंडित ,क्षत्रिय , वैश्य  आदि  सभी  अपना  कर्तव्य  भूलकर  केवल  धन  के  पीछे  लगे  हैं  l  सारा  व्यवहार  पैसे  के  लिए  ही  चल  रहा  है  l '  वर्तमान  की  स्थिति  इतनी  विकट  है  कि  अमीरी  की  भी  दौड़  है  l  कौन  सबसे  आगे  है  ?  यह  भी  सत्य  है  कि  केवल  ईमानदारी  और  सच्चाई  से  बहुत  अमीर  नहीं  हुआ  जा  सकता  l  मेहनत  तो  करनी  पड़ती  है  लेकिन  वह  अधिकांशत:  दंद -फंद   और  हेरा -फेरी  जैसी  नकारात्मक  दिशा  में  ज्यादा  होती  है  l  ऐसी  दौड़  का  कोई  सकारात्मक  परिणाम  भी  नहीं  होता  ---- एक  कथा  है ---- एक  सेठ जी  थे  , अथाह  धन -सम्पदा  थी  l  दिन -रात  भागा -दौड़ी  करते  , खाने -पीने  का  भी  कोई  होश  नहीं  l  उनके  घर  में  एक  नौकर  सेठ जी  को  देखकर  सदा  यही  सोचा  करता  कि  ये  बेचारे  सेठ  किसके  लिए  इतनी  मेहनत  कर  रहे  हैं  ,  इतना  धन  किसके  लिए  जोड़  रहे  हैं  ?  एक  कन्या  है  उसका  विवाह  हो  ही  गया  l  अब  वो  नौकर  था , उसे  सेठ  को  समझाने  की  हिम्मत  नहीं  थी  l  विधि  का  विधान  देखिए  , एक  दिन  सेठ  को  अचानक  हार्ट अटैक  आया  और  वे  परलोक  सिधार  गए  l  सेठ  की  खूबसूरत   पत्नी  ने  उस  नौकर  से  विवाह  कर  लिया  l  उसे  अपने  प्रश्न  का  उत्तर  मिल  गया  ,कि  वो  बेचारा  सेठ  उसी  के  लिए  दिन -रात  एक  किए  था  l  

एक  और  कथा  है --- व्यक्ति  चाहे  इस  लोक  में  हो  या  उस  लोक  में  ,  धन  का  लालच  ऐसा  है  जो  कभी  जाता  नहीं  l --- एक  सेठ जी  की  मृत्यु  हो  गई  l  जीवन  में  कुछ  दान -पुण्य  भी  किया  था  ,  कुछ  पापकर्म , शोषण  आदि  भी  किया  था  l  जब  धर्मराज  के  यहाँ  हिसाब -किताब  हुआ  तो  धर्मराज  ने  कहा ---" सेठ जी  !  आपके  लिए  कुछ  दिन  का  स्वर्ग  है , कुछ  दिन  का  नरक l  आप  पहले  कहाँ  जाना  पसंद  करेंगे  ?  सेठ जी  ने  कहा --- " महाराज  ! चाहे  स्वर्ग  हो  या  नरक   मुझे  तो  वहां  भेज  दो  ,  जहाँ  चार  पैसे  की  आमदनी  हो  l  "  इस  समय  का  सत्य  यही  है  कि  धन  प्राथमिकता  है  उसके  बदले  चाहे  बीमारी , तनाव , अनिद्रा   कुछ  भी  हो  l