स्व. प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री की पत्नी श्रीमती ललिता शास्त्री ने अपने जीवन के रोचक प्रसंग सुनाते हुए बताया ------- " जब मैं पहली बार अपने पति के साथ रूस यात्रा के लिए तैयार हुई , तो मुझे बड़ा डर लग रहा था l मैं सोच रही थी कि मैं सीधी - सादी भारतीय गृहणी हूँ l राजनीति का मुझे ज्ञान नहीं , विदेशी तौर - तरीकों का पता नहीं l कहीं मुझसे ऐसे प्रश्न न किए जाएँ , जिनका उत्तर मैं ठीक से न दे पाऊं और तब मेरे पति अथवा देश का गौरव कुछ घटे अथवा उनकी हंसी हो l किन्तु फिर मैंने यह निश्चय करके अपना डर दूर कर लिया कि मैं एक महान देश के प्रधानमंत्री की पत्नी के रूप में अपने को प्रस्तुत नहीं करुँगी l मैं तो सबके सामने अपने को एक एक साधारण भारतीय गृहणी के रूप में रखूंगी l मैंने जाकर अपने को एक गृहणी के रूप में ही पेश किया l वहां के अच्छे लोगों ने मुझसे घर - गृहस्थी के विषय में ही बातचीत की , जिसका उत्तर देकर मैंने सबको संतुष्ट कर दिया l इस प्रकार मैंने एक बहुमूल्य अनुभव यह पाया कि मनुष्य वास्तव में जो कुछ है , यदि उसी रूप में स्वयं को दूसरों के सामने पेश करे , तो उसे कोई असुविधा नहीं होती और उसकी सच्ची सरलता उपहास का विषय न बनकर स्नेह और श्रद्धा का विषय बनती है l "