12 October 2018

WISDOM ------- आडम्बर नहीं , आचरण है धर्म

 ' धर्म  हमें  त्याग  और  तपस्या  का  पाठ  पढ़ाता  है  l   धर्म  उस  संवेदनशीलता  का  पर्याय   है  ,  जिसमे  हम  दूसरों  के  सुख - दुःख ,  कष्ट - कठिनाइयों  का  अनुभव  करते  हैं   l  '
   एक  व्यक्ति  प्रतिदिन  महात्मा  बुद्ध   के  प्रवचन  सुनने   जाता  था  l  उसका  यह  क्रम  एक  माह  तक  चला  ,  लेकिन  उसके  जीवन  पर  कोई  प्रभाव  न  पड़ा  l  एक  दिन  उसने   परेशान  होकर   भगवन  बुद्ध  से  कहा  ---- " भगवन  !  मैं  एक  माह  से   आपका  प्रवचन  सुन  रहा  हूँ  ,  परन्तु  मुझे  अपने  जीवन  में  कोई  अंतर  दिखाई  नहीं  पड़ा  l  "
  बुद्ध  बोले ----- "  ज्ञान  को  आचरण  में  लाए  बिना   व्यक्तित्व  का  रूपांतरण   असंभव  है  l   जो  सुनते  हो  उसे  अपने  जीवन  में  धारण  करो  ,  तभी  परिवर्तन  दिखाई  पड़ेगा   l  "